सनातन धर्म पर भ्रम फैलाने वालों पर होगी कार्रवाई,काशी विद्वत परिषद की चेतावनी

वाराणसी। काशी विद्वत कर्मकांड परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य अशोक द्विवेदी ने पूजा और धार्मिक आडंबरों के नाम पर भ्रम फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म वैदिक परंपराओं पर आधारित है, जिसे ऋषि-मुनियों और शास्त्रों के निर्देशानुसार संचालित किया जाता है।

आचार्य द्विवेदी ने कहा कि सोशल मीडिया पर यह अफवाह फैलाई जा रही है कि बाबा विश्वनाथ को ठंड लग रही है और उन्हें रजाई ओढ़ाई जा रही है। उन्होंने इसे हास्यास्पद और शास्त्रों के विपरीत बताया। उन्होंने कहा कि देवाधिदेव महादेव स्वयं कैलाशवासी हैं। उन्हें ठंड लगने की बात करना और रजाई ओढ़ाने की बात करना न केवल गलत है, बल्कि यह सनातन धर्म की परंपराओं का अपमान है।

राष्ट्रीय महासचिव कामेश्वर उपाध्याय ने भी इस मुद्दे पर कहा कि भगवान के लिए “रजाई” जैसे शब्द का उपयोग शास्त्रों में कहीं नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारे धर्म में ऋतु के अनुसार धूप, दीप और नैवेद्य का विधान है। जो लोग पूजा पद्धति के नाम पर भ्रम फैला रहे हैं, उन्हें उपासना पद्धति का ज्ञान नहीं है।

श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र ने स्पष्ट किया कि बाबा विश्वनाथ का शृंगार भक्तिभाव और परंपरा के अनुरूप किया जाता है। यह महादेव के किसी प्राकृतिक स्थिति से प्रभावित होने का संकेत नहीं है। उन्होंने कहा कि मामले का संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई की जाएगी।

काशी विद्वत परिषद ने सनातन धर्म और महादेव के नाम पर भ्रम फैलाने वालों को चेतावनी दी है कि वे अपनी गतिविधियां बंद करें, अन्यथा उनके खिलाफ कानूनी कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने जनता से भी अपील की कि वे सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही भ्रामक जानकारियों से बचें और शास्त्रों पर आधारित सत्य का अनुसरण करें।

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