प्रयागराज I इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) बार एसोसिएशन ने दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा का इलाहाबाद हाईकोर्ट में स्थानांतरण किए जाने पर कड़ा विरोध जताया है। बार एसोसिएशन ने एक पत्र जारी कर कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट कोई “कूड़ाघर” नहीं है, जहां विवादित न्यायाधीशों को भेजा जाए।

एसोसिएशन ने पत्र में आरोप लगाया कि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, न्यायमूर्ति वर्मा के दिल्ली स्थित सरकारी आवास में आग बुझाने के दौरान करीब 15 करोड़ रुपए की नकदी बरामद हुई थी। इस घटना के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए न्यायमूर्ति वर्मा का स्थानांतरण इलाहाबाद हाईकोर्ट कर दिया।
बार एसोसिएशन ने इस निर्णय को लेकर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट (Court) के कॉलेजियम ने बिना उचित जांच के न्यायमूर्ति का तबादला कर दिया, जो अन्यायपूर्ण है। एसोसिएशन ने प्रस्ताव पारित कर कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट को “कचरादान” समझना गलत है और इस तरह के स्थानांतरण से न्यायपालिका की गरिमा प्रभावित होती है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाले सुप्रीम Court कॉलेजियम ने कथित तौर पर इस घटना के बाद न्यायमूर्ति वर्मा को उनके पैतृक इलाहाबाद हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने का फैसला किया था।