Amit Patel: गांव से निकलकर अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान मंच तक की प्रेरक यात्रा

Amit Patel: सफलता की कहानी (सक्सेस स्टोरी) वह यात्रा है जिसमें कोई व्यक्ति अपने जीवन के सफलताओं एवं असफलताओं, संघर्षों एवं बाधाओं का सामना करते हुए अपने लक्ष्य को प्राप्त करता है। यह कहानी संघर्ष, प्रेरणा एवं मेहनत एवं आत्मविश्वास पर आधारित है जो दूसरों को प्रेरित करती है कि हमें जीवन में कभी हार नहीं मानना चाहिए फिर चाहे वह स्टोरी आईटी सेक्टर की हो या फिर, किसी विषयों पर शोध की।

आज बनारस ग्लोबल टाइम्स चैनल में हम चर्चा करेंगे Amit Patel नाम के शख्सियत की जिनका जन्म उत्तर प्रदेश के जिला मिर्जापुर के पचेंगढा गांव में दिनांक 8-9-1998 को एक साधारण से किसान परिवार में हुआ।

Who is Amit Patel?

हाल ही में साइबरजया विश्वविद्यालय कुआलालंपुर मलेशिया में संपन्न हुए चतुर्थ आईसीबीटीएमएच अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 2025 में ओरल प्रेजेंटेशन का पुरस्कार मिला। Amit Patel B.H.U के प्रोफेसर आशीष कुमार तिवारी के देख रेख में ऑर्गेनिक हेटेरोसाइक्लिक सिंथेसिस पर शोध करते हैं। दो भाइयों में छोटा अमित ने बी एस सी ऑनर्स एवं एम एस सी (ऑर्गेनिक स्पेशलाइजेशन) में शिक्षा B.H.U से ही की। अमित को विज्ञान के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए इंडिया एक्सीलेंस विज्ञान प्रमाण पत्र से भी नवाजा जा चुका है।

हाल ही में Amit Patel को NSTC (National science and technology) इंटर्नशिप ताइवान के लिए इंटरव्यू में भी शॉर्टलिस्ट किया गया है।

बनारस ग्लोबल टाइम चैनल ने जब इनके पुश्तैनी निवास पर Amit Patel के माता-पिता से मुलाकात की तब जो तथ्य सामने निकल कर आया वाकई वह उम्मीद से दोगुना था। अमित पटेल के पिता श्री विजय बहादुर पटेल से जब हमारी बातचीत हुई तब उन्होंने बताया कि अमित की प्रारंभिक शिक्षा कोलना स्थित नवोदय बाल निकेतन से हुई है जहां पर उन्हें कक्षा एक से आठ तक पढ़ाई की।

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पिताजी ने बताया कि उस समय हमारी आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी, हम जब दिन में हम अपने खेतों में काम करते तब हमारा बेटा विद्यालय जाने के पहले खेतों पर हमें हमारा टिफिन पहुंचाकर पैदल ही विद्यालय शिक्षा प्राप्त करने को निकल जाता और विद्यालय की छुट्टी होने के बाद साथ में खेतों में हमारा हाथ बटाता‌ था। पढ़ने में उसकी शुरू से ही रुचि थी।

Amit Patel की माता जी बताती है कि हमारे 2 बेटे हैं अंकित पटेल एवं अमित पटेल। 12वीं तक शिक्षा ग्रहण करने के दौरान हमारे दोनों बच्चों के पास कोई मोबाइल फोन नहीं हुआ करता था न हीं पढ़ने के लिए लैपटॉप ही था बेटा हमारा कहता था मां मोबाइल फोन से बच्चे बिगड़ जाते हैं, और पढ़ाई में मन नहीं लगता अगर जीवन में सफलता पानी है तो हमें अपने को इन चीजों से दूर रखना होगा।

गांव में इन्हें लोग लल्ला कह कर पुकारते थे। अमित का अधिकतर समय पढ़ाई लिखाई में ही व्यतीत होता था, घर के बाहर भी वह कम नजर आते थे। Amit की माताजी बताती है कि हमारा बच्चा कभी कोचिंग तक नहीं गया आज जो भी सफलता उसने प्राप्त की है वह अपनी मेहनत और लगन से प्राप्त की है।

Amit Patel जी की माता जी से बात करने के बाद हमारा दूसरा पड़ाव कोलना स्थित नवोदय बाल निकेतन विद्यालय की ओर था जहां से अमित पटेल ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की थी और तब वहां हमारी मुलाकात वहां के प्रधानाचार्य श्रीमती वीना पटेल जी से होती है जिन्होंने हमें बताया कि अमित पटेल बचपन से ही शांत स्वभाव का एवं कठिन परिश्रम करने वाला छात्र था उसे हमेशा कुछ ना कुछ नया करने की जिज्ञासा हमेशा उसके दिमाग में चलती रहती थी।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप के माध्यम से जब हमारा संवाद Amit Patel से हुआ तब उन्होंने हमें बताया कि मेरा शोध क्षेत्र कार्बनिक रसायन विज्ञान में है, मेरे शोध विषय का शीर्षक “नवीन विषमचक्रीय यौगिक संश्लेषण की सी-सी बंधन गठन प्रतिक्रिया का उपयोग करना”। ( One Quotes ” क्यों डरें ज़िन्दगी में क्या होगा कुछ नहीं होगा तो तजुर्बा होगा”

इस ज्ञान के दीपक नें भारत देश को ही आलोकित नहीं किया है बल्कि विदेश में भी अपनी जीत का शंखनाद किया है।

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