ओवैसी का बड़ा बयान: संविधान की अहमियत खतरे में, असली खतरा मोदी और आरएसएस से है

नई दिल्ली। लोकसभा सांसद और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को मुसलमानों की लामबंदी के बारे में अपनी स्पष्ट राय व्यक्त की। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह मुसलमानों की लामबंदी का समर्थन करते हैं, तो ओवैसी ने उत्तर देते हुए कहा कि महाराष्ट्र में मराठों का नेतृत्व अब शरद पवार नहीं, बल्कि मनोज जरांगे पाटिल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे हालात यह हैं कि हम सिर्फ बैंड-बाजा-बारात की पार्टी बन चुके हैं।

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ओवैसी ने संविधान और न्याय के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यदि न्याय के लिए “गोली और बंदूक” का सहारा लिया गया, तो इससे संविधान की अहमियत समाप्त हो जाएगी। देश में एकता और इंसाफ को मजबूत करने की जरूरत है ताकि देश प्रगति के पथ पर आगे बढ़ सके। साथ ही उन्होंने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस देश में कोई धर्म खतरे में नहीं है, बल्कि असली खतरा नरेंद्र मोदी और आरएसएस को है। उन्होंने आरोप लगाया कि धार्मिक आधार पर लोगों को भटकाने की कोशिश की जा रही है ताकि सरकार रोजगार देने से बच सके।

ओवैसी ने अपने विचारों को संक्षेप में प्रस्तुत करते हुए 10 महत्वपूर्ण बातें साझा की:

  1. गोली, बंदूक से इंसाफ होगा तो संविधान का क्या होगा
  2. देश तभी मजबूत होगा जब एकता और इंसाफ होगा।
  3. अपराधियों के खिलाफ कोर्ट करें कार्रवाई।
  4. इस देश में कोई धर्म खतरे में नहीं है, असली खतरा नरेंद्र मोदी और आरएसएस से है।
  5. नौकरी देने से बचने के लिए धर्म की अफीम चटा रहे हैं।
  6. वक्फ बोर्ड की संपत्ति को लेकर एक भ्रम पैदा किया गया।
  7. कोई दल हमसे गठबंधन क्यों नहीं करता
  8. मैंने शरद पवार को लेटर लिखा था कि हमें बीजेपी को हराने के लिए साथ लें।
  9. उत्तर प्रदेश में अकेल नहीं हूं, हमारी बहन पल्लवी पटेल हमारे साथ हैं।
  10. बीजेपी को किसी भी कीमत पर हराने के लिए तैयार।

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