Varanasi : काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU PhD Admission) के केंद्रीय कार्यालय पर छात्रों का अनिश्चितकालीन धरना 20 मार्च, 2025 को दूसरे दिन भी जारी रहा। पीएचडी प्रवेश (PhD Admission) प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं के विरोध में शुरू हुआ यह प्रदर्शन गुरुवार से चल रहा है, जिसमें छात्रों ने अपनी नाराजगी जाहिर करने के लिए केंद्रीय कार्यालय का मुख्य द्वार बंद कर दिया।

सामाजिक विज्ञान संकाय(Faculty of Social Sciences) के सामाजिक समावेशन नीति अध्ययन केंद्र के छात्र विशेष रूप से प्रवेश प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं। उनका आरोप है कि मुख्य विषय सोशल इनक्लूजन या सबाल्टर्न स्टडीज(Subaltern Studies) होने और इसी में एम.फिल(M.Phil) करने के बावजूद, संबद्ध विषयों के उम्मीदवारों को मुख्य विषय में साक्षात्कार की अनुमति दी गई, जो निर्धारित नियमों के खिलाफ है।

प्रदर्शनकारी छात्रों ने एक महीने पहले विश्वविद्यालय प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर निष्पक्ष प्रवेश की मांग की थी। संतोषजनक जवाब न मिलने पर, उन्होंने गुरुवार को केंद्रीय कार्यालय पर भूख हड़ताल शुरू की। अपनी मांगों को जोर देने के लिए उन्होंने कुलपति और परीक्षा नियंत्रक के पुतले जलाए और कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, आंदोलन जारी रहेगा।
धरने पर बैठे छात्रों ने सबाल्टर्न स्टडीज में पीएचडी साक्षात्कार में अनियमितताओं का आरोप लगाया। उनका दावा है कि संबद्ध विषयों के उम्मीदवारों का मुख्य विषय में साक्षात्कार लिया गया, जो विश्वविद्यालय नियमों का उल्लंघन है। उन्होंने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि विरोध के दूसरे दिन भी कोई जिम्मेदार अधिकारी उनसे मिलने नहीं आया।

भूख हड़ताल पर बैठे छात्र सत्यनारायण ने कहा कि विश्वविद्यालय में अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन आम बात हो गई है, और तमाम आरोपों के बावजूद वे अपने पदों पर बने हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि निष्पक्ष और पारदर्शी प्रवेश सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिकता नहीं है।

एक अन्य प्रदर्शनकारी पल्लव ने प्रशासन पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने और अनियमित प्रवेशों को रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया। उनका दावा है कि प्रशासन अपने पसंदीदा उम्मीदवारों को प्रवेश दिलाने के लिए नियमों की अनदेखी कर रहा है। छात्रों की मांग है कि प्रवेश प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी हो, ताकि केवल योग्य उम्मीदवारों को शोध की गुणवत्ता बढ़ाने का मौका मिले।

