लखनऊ I बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद पर तीखा हमला बोला है। गुरुवार को जारी अपने बयान में उन्होंने कहा कि कुछ अवसरवादी और स्वार्थी लोग कांशीराम और उनका नाम लेकर दलितों को गुमराह कर रहे हैं। मायावती ने इसे जातिवादी पार्टियों की बसपा को कमजोर करने की साजिश करार दिया और कार्यकर्ताओं से सावधान रहने की अपील की।
मायावती (BSP) ने आरोप लगाया कि सत्ता और विपक्ष की जातिवादी पार्टियां पर्दे के पीछे से दलित और उपेक्षित वर्गों के कुछ लोगों को प्रबंधित (खरीद-फरोख्त) करके संगठन और पार्टियां बनवा रही हैं। ये लोग दलितों के वोट बांटने के लिए कांशीराम और BSP नाम इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “अगर इनमें रत्ती भर भी सच्चाई होती, तो ये विरोधी पार्टियों के इशारे पर अलग संगठन या पार्टी न बनाते, बल्कि बसपा से जुड़कर इसे मजबूत करते।”
ईवीएम पर सवाल, बैलेट पेपर की मांग
मायावती ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जातिवादी पार्टियां ईवीएम में धांधली कर BSP उम्मीदवारों को जीतने से रोक रही हैं। उन्होंने दावा किया कि विपक्षी दल भी अब इस धांधली के खिलाफ बोल रहे हैं। मायावती ने सभी चुनाव बैलेट पेपर से कराने की वकालत की, लेकिन कहा कि मौजूदा सरकार के रहते यह संभव नहीं। उन्होंने कार्यकर्ताओं से निराश न होने और सत्ता परिवर्तन का इंतजार करने को कहा।
राजनीति में बढ़ रहा द्वेष
BSP सुप्रीमो ने राजनीति में बढ़ते द्वेष, संकीर्णता और मुकदमेबाजी पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि नेताओं का असभ्य और अभद्र आचरण जनता को परेशान कर रहा है। यह विषैला माहौल विकास और आत्मनिर्भरता के प्रयासों को बाधित कर रहा है। मायावती ने यह भी कहा कि धन्नासेठों की संपत्ति अब विदेशों में निवेश हो रही है, जिससे देश में गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा और पिछड़ापन बढ़ रहा है। उन्होंने अर्थव्यवस्था में अस्थिरता को भी चिंता का विषय बताया।