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UPI से लेकर क्रेडिट स्कोर तक, 1 जनवरी 2026 से बदल जाएंगे ये 7 बड़े नियम, जानें आपकी जेब पर क्या होगा असर?

 
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साल 2025 अब अपने आखिरी दौर में पहुंच चुका है। 31 दिसंबर सिर्फ कैलेंडर बदलने की तारीख नहीं, बल्कि आर्थिक मामलों के लिहाज से एक अहम डेडलाइन भी है। वहीं 1 जनवरी 2026 की सुबह आम लोगों के लिए कई बड़े बदलाव लेकर आ रही है। बैंकिंग, टैक्स, डिजिटल पेमेंट और निवेश से जुड़े नियमों में बदलाव होने जा रहे हैं, जिन पर समय रहते ध्यान न देने पर नुकसान या जुर्माना झेलना पड़ सकता है।

क्रेडिट स्कोर होगा साप्ताहिक अपडेट
नए साल से कर्ज और क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करने वालों के लिए बड़ा बदलाव लागू होगा। 1 जनवरी 2026 से क्रेडिट स्कोर अब महीने में नहीं, बल्कि हर हफ्ते अपडेट किया जाएगा। EMI या क्रेडिट कार्ड भुगतान में जरा सी देरी भी तुरंत स्कोर पर असर डालेगी, वहीं समय पर भुगतान करने वालों को इसका फायदा मिलेगा।

स्मॉल सेविंग्स स्कीम पर नजर
पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि, एनएससी जैसी छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने वालों के लिए 31 दिसंबर अहम है। आरबीआई के रेपो रेट में कटौती के बाद संभावना है कि सरकार 1 जनवरी से इन योजनाओं की ब्याज दरों में बदलाव कर सकती है। मौजूदा दरों पर निवेश लॉक करने का यह आखिरी मौका हो सकता है।

आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए विलंबित आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर 2025 है। इसके बाद रिटर्न फाइल करने पर भारी जुर्माना देना पड़ सकता है और रिफंड का दावा भी मुश्किल हो जाएगा।

UPI और डिजिटल पेमेंट पर सख्ती
डिजिटल फ्रॉड रोकने के लिए 1 जनवरी से यूपीआई और अन्य डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म पर केवाईसी नियम सख्त होंगे। मोबाइल नंबर वेरिफिकेशन और अकाउंट लिंकिंग में अतिरिक्त सुरक्षा लागू की जाएगी।

पैन-आधार लिंक अनिवार्य
अगर पैन और आधार लिंक नहीं है तो 1 जनवरी 2026 से पैन निष्क्रिय हो सकता है। इसका असर टैक्स रिफंड, बैंकिंग और निवेश से जुड़ी सेवाओं पर पड़ेगा।

एलपीजी और ईंधन के दाम बदल सकते हैं
हर महीने की तरह 1 जनवरी को भी एलपीजी, सीएनजी और एटीएफ की कीमतों की समीक्षा होगी। नए दाम रसोई और यात्रा बजट पर असर डाल सकते हैं।

नए इनकम टैक्स कानून की तैयारी
सरकार 1 अप्रैल 2026 से नया इनकम टैक्स कानून लागू करने की तैयारी में है। इसका मकसद टैक्स सिस्टम को सरल बनाना है।

कुल मिलाकर, 31 दिसंबर की तारीख वित्तीय योजना के लिहाज से बेहद अहम है। जरूरी काम समय पर निपटाकर ही नए साल में कदम रखना समझदारी होगी।

साल 2025 अब अपने आखिरी दौर में पहुंच चुका है। 31 दिसंबर सिर्फ कैलेंडर बदलने की तारीख नहीं, बल्कि आर्थिक मामलों के लिहाज से एक अहम डेडलाइन भी है। वहीं 1 जनवरी 2026 की सुबह आम लोगों के लिए कई बड़े बदलाव लेकर आ रही है। बैंकिंग, टैक्स, डिजिटल पेमेंट और निवेश से जुड़े नियमों में बदलाव होने जा रहे हैं, जिन पर समय रहते ध्यान न देने पर नुकसान या जुर्माना झेलना पड़ सकता है।

क्रेडिट स्कोर होगा साप्ताहिक अपडेट

नए साल से कर्ज और क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करने वालों के लिए बड़ा बदलाव लागू होगा। 1 जनवरी 2026 से क्रेडिट स्कोर अब महीने में नहीं, बल्कि हर हफ्ते अपडेट किया जाएगा। EMI या क्रेडिट कार्ड भुगतान में जरा सी देरी भी तुरंत स्कोर पर असर डालेगी, वहीं समय पर भुगतान करने वालों को इसका फायदा मिलेगा।

स्मॉल सेविंग्स स्कीम पर नजर

पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि, एनएससी जैसी छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने वालों के लिए 31 दिसंबर अहम है। आरबीआई के रेपो रेट में कटौती के बाद संभावना है कि सरकार 1 जनवरी से इन योजनाओं की ब्याज दरों में बदलाव कर सकती है। मौजूदा दरों पर निवेश लॉक करने का यह आखिरी मौका हो सकता है।

आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख

वित्त वर्ष 2024-25 के लिए विलंबित आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर 2025 है। इसके बाद रिटर्न फाइल करने पर भारी जुर्माना देना पड़ सकता है और रिफंड का दावा भी मुश्किल हो जाएगा।

UPI और डिजिटल पेमेंट पर सख्ती

डिजिटल फ्रॉड रोकने के लिए 1 जनवरी से यूपीआई और अन्य डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म पर केवाईसी नियम सख्त होंगे। मोबाइल नंबर वेरिफिकेशन और अकाउंट लिंकिंग में अतिरिक्त सुरक्षा लागू की जाएगी।

पैन-आधार लिंक अनिवार्य

अगर पैन और आधार लिंक नहीं है तो 1 जनवरी 2026 से पैन निष्क्रिय हो सकता है। इसका असर टैक्स रिफंड, बैंकिंग और निवेश से जुड़ी सेवाओं पर पड़ेगा।

एलपीजी और ईंधन के दाम बदल सकते हैं

हर महीने की तरह 1 जनवरी को भी एलपीजी, सीएनजी और एटीएफ की कीमतों की समीक्षा होगी। नए दाम रसोई और यात्रा बजट पर असर डाल सकते हैं।

नए इनकम टैक्स कानून की तैयारी

सरकार 1 अप्रैल 2026 से नया इनकम टैक्स कानून लागू करने की तैयारी में है। इसका मकसद टैक्स सिस्टम को सरल बनाना है।

कुल मिलाकर, 31 दिसंबर की तारीख वित्तीय योजना के लिहाज से बेहद अहम है। जरूरी काम समय पर निपटाकर ही नए साल में कदम रखना समझदारी होगी।