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 Groww IPO Launch: क्या बनेगा अगला हॉट स्टॉक! जानें लॉट साइज़, प्राइस बैंड और एक्सपर्ट की राय 

 
  Groww IPO Launch: क्या बनेगा अगला हॉट स्टॉक! जानें लॉट साइज़, प्राइस बैंड और एक्सपर्ट की राय 
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नई दिल्ली I निवेशकों के लिए एक बड़ी खबर है। आज मंगलवार से बिलियनब्रेन्स गैरेज वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड जो ग्रोव की पैरेंट कंपनी है, इस आईपीओ का इंतजार खत्म हो गया। कंपनी का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया है। प्राइस बैंड 95 से 100 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है। लंबे समय से इंतजार कर रहे निवेशकों में जबरदस्त उत्साह है। ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) में आईपीओ खुलते ही जोरदार तेजी देखी जा रही है, जो लिस्टिंग पर अच्छे मुनाफे के संकेत दे रहा है। लेकिन सवाल ये है कि इसमें सब्सक्राइब करें या ना? आइए, विस्तार से समझते हैं।

ग्रोव प्लेटफॉर्म क्या है?

ग्रोव एक प्रमुख डिजिटल इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म है, जो सीधे ग्राहकों को स्टॉक, डेरिवेटिव्स, बॉन्ड्स, म्यूचुअल फंड्स, आईपीओ, ईटीएफ और डिजिटल गोल्ड जैसी सेवाएं मुहैया कराता है। यह मोबाइल-फर्स्ट ऐप पर आधारित है और इन-हाउस टेक्नोलॉजी से संचालित होता है, जो निवेश को सरल और यूजर-फ्रेंडली बनाता है। जून 2025 तक इसके 12.6 मिलियन एक्टिव क्लाइंट्स हैं और मार्केट शेयर 26.27 प्रतिशत है। कंपनी भारत के 98.36 प्रतिशत पिन कोड्स को कवर करती है।

वित्तीय रूप से, ग्रोव लगातार मुनाफा कमा रही है। वित्त वर्ष 2025 (FY25) में इसका रेवेन्यू 4056 करोड़ रुपये रहा, जबकि नेट प्रॉफिट 1824 करोड़ रुपये (44 प्रतिशत मार्जिन) रहा। FY24 में नुकसान 805 करोड़ रुपये का था, लेकिन FY25 में कंपनी ने शानदार रिकवरी की। कुल मिलाकर, डिजिटल प्लेटफॉर्म की मजबूत पोजीशन और कस्टमर-फोकस्ड अप्रोच से ग्रोव का ग्रोथ ट्रैक रिकॉर्ड प्रभावशाली है।

आईपीओ की मुख्य डिटेल्स: साइज, टाइमलाइन और वैल्यूएशन

- कुल साइज: 6632 करोड़ रुपये (फ्रेश इश्यू: 1060 करोड़, ऑफर फॉर सेल: 5572 करोड़)।
- ओपनिंग और क्लोजिंग डेट: 4 नवंबर से 7 नवंबर 2025 तक।
- अलॉटमेंट डेट: 10 नवंबर 2025 तक।
- लिस्टिंग डेट: 12 नवंबर 2025 (BSE और NSE पर)।
- वैल्यूएशन: अपर प्राइस बैंड (100 रुपये) पर कंपनी की वैल्यूएशन 61,700 करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगी।
- क्वालिफिकेशन: QIB को 75%, NII को 15%, रिटेल को 10% कोटा।
- मिनिमम लॉट: 150 शेयर (न्यूनतम निवेश 15,000 रुपये)। रिटेल निवेशक अधिकतम 13 लॉट (1950 शेयर, 1,95,000 रुपये) तक आवेदन कर सकते हैं।
- रजिस्ट्रार: MUFG Intime India Private Limited।
- लीड मैनेजर्स: JP Morgan, Kotak Mahindra Capital, Citigroup, Axis Capital और Motilal Oswal।

कंपनी के चार सह-संस्थापक—ललित केशरे, हर्ष जैन, ईशान बंसल और नीरज सिंह—की कुल 26.6% हिस्सेदारी है। आईपीओ से जुटाए फंड्स का इस्तेमाल टेक्नोलॉजी अपग्रेड, एक्सपैंशन और वर्किंग कैपिटल के लिए किया जाएगा।

सब्सक्राइब करें या ना? एक्सपर्ट व्यू और रिस्क

ब्रोकरेज फर्म स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट ने इस आईपीओ को 'सब्सक्राइब' रेटिंग दी है। उनके अनुसार, ग्रोव की मजबूत मार्केट पोजीशन, कंसिस्टेंट प्रॉफिटेबिलिटी और डिजिटल इनोवेशन से लॉन्ग-टर्म ग्रोथ की संभावना है। एनालिस्ट्स का कहना है कि कॉस्ट मैनेजमेंट और रिटेल इन्वेस्टर बेस से कंपनी का स्केलिंग तेज है। वित्तीय सेक्टर में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन (जैसे PMS AUM का 16% CAGR) ग्रोव को फायदा पहुंचाएगा।

हालांकि, रिस्क भी कम नहीं:
- डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग पर रेगुलेटरी बदलाव (जैसे SEBI के नए नियम)।
- ब्रोकरेज फीस स्ट्रक्चर में प्रतिस्पर्धा से दबाव।
- रेवेन्यू का बड़ा हिस्सा रिटेल इन्वेस्टर पर निर्भर।
- टेक्नोलॉजी मेंटेनेंस और साइबर सिक्योरिटी का भारी खर्च।

एक्सपर्ट्स लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट की सलाह दे रहे हैं, लेकिन शॉर्ट-टर्म गेन के लिए GMP पर नजर रखें।

GMP में तगड़ी तेजी: लिस्टिंग पर 17% गेन की उम्मीद

ग्रे मार्केट में आज GMP 17 रुपये पर ट्रेड कर रहा है, जो अपर प्राइस बैंड (100 रुपये) पर 17% प्रीमियम दर्शाता है। इंवेस्टर्गेन के अनुसार, लिस्टिंग प्राइस 117 रुपये तक पहुंच सकता है। GMP में 30 अक्टूबर को 11 रुपये से 3 नवंबर को 15 रुपये और आज 17 रुपये तक तेजी आई है। यह निवेशकों के मजबूत सेंटिमेंट को दिखाता है, लेकिन याद रखें—GMP गैर-आधिकारिक है और मार्केट वोलेटाइल हो सकता है।

डे-1 सब्सक्रिप्शन स्टेटस: रिटेल कोटा फुल, ओवरऑल 34% बुकिंग

पहले दिन सुबह तक आईपीओ 34% सब्सक्राइब हो चुका है। रिटेल कोटा पूरी तरह भर गया, जबकि QIB और NII में हलचल कम है। ASBA या UPI के जरिए बैंक/ब्रोकर के माध्यम से आवेदन करें।

ग्रोव, जो 2017 में स्थापित हुई, भारत के फिनटेक सेक्टर को बदल रही है। अगर आप लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टर हैं, तो ये आईपीओ मिस न करें। लेकिन रिस्क प्रोफाइल चेक करें। ज्यादा जानकारी के लिए DRHP या SEBI वेबसाइट देखें। बाजार की नजरें अब सब्सक्रिप्शन ट्रेंड पर टिकी हैं।