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Chat GPT ने लॉन्च किया 'चैट्स फॉर स्टूडेंट्स इन इंडिया' सेक्शन: परीक्षा सीजन में छात्रों को मिलेगी मदद

 
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नई दिल्ली I भारत में आगामी परीक्षा सीजन को ध्यान में रखते हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म चैटजीपीटी ने छात्रों के लिए एक नया सेक्शन 'चैट्स फॉर स्टूडेंट्स इन इंडिया' लॉन्च किया है। यह नया वेबपेज (chatgpt.com/use-cases/students-india) देश के छात्रों को दिखाता है कि वे इस एआई टूल का उपयोग कैसे पढ़ाई, स्किल डेवलपमेंट और कॉलेज लाइफ को आसान बनाने के लिए कर रहे हैं। वेबसाइट पर दिए गए संदेश में स्पष्ट रूप से लिखा है, "भारत के छात्र बताते हैं कि वे चैटजीपीटी का इस्तेमाल पढ़ाई करने, नई चीजें सीखने और कॉलेज जीवन को संभालने में कैसे करते हैं।"

इस नए सेक्शन में देश के प्रमुख विश्वविद्यालयों जैसे आईआईटी मद्रास, मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन (एमएएचई) और दिल्ली टेक्निकल कैंपस के छात्रों के 50 से अधिक वास्तविक उदाहरण शामिल किए गए हैं। ये उदाहरण परीक्षा की तैयारी, स्टडी प्लान बनाना, कठिन विषयों को सरल तरीके से समझना, असाइनमेंट तैयार करना और रिवीजन के लिए फ्लैशकार्ड बनाना जैसी प्रक्रियाओं पर केंद्रित हैं। वेबपेज पर छात्रों के लिए विशेष टूल्स और टिप्स भी उपलब्ध हैं, जो उनके अध्ययन को और अधिक प्रभावी बनाने में मदद करेंगे।

छात्रों के लिए प्रमुख फीचर्स और उपयोग

- कठिन विषयों को सरल बनाना: एनालॉजी (उदाहरणों) के माध्यम से जटिल कॉन्सेप्ट्स को आसान भाषा में समझाया जाता है।

- अध्ययन शेड्यूल बनाना: छात्र अपनी परीक्षा तिथियों के आधार पर दिन-प्रतिदिन का स्टडी प्लान तैयार कर सकते हैं, जिसमें रिवीजन, ब्रेक और टेस्ट शामिल हों।

- संभावित परीक्षा प्रश्न तैयार करना: एआई खुद सवाल जनरेट करता है और क्विज के रूप में अभ्यास करवाता है।

- स्टडी गाइड तैयार करना: नोट्स को संक्षिप्त रूप में व्यवस्थित करना और महत्वपूर्ण पॉइंट्स हाइलाइट करना।

- असाइनमेंट्स को पहले से ग्रेड करना: छात्र अपना काम अपलोड कर एआई से फीडबैक और सुधार सुझाव ले सकते हैं।

- फ्लैशकार्ड बनाना: रिवीजन के लिए त्वरित फ्लैशकार्ड जनरेट करना।

- नोट्स को व्यवस्थित करना: बिखरे हुए नोट्स को कैटेगरी में बांटना और सर्चेबल बनाना।

- किसी विषय पर अलग-अलग दृष्टिकोणों का विश्लेषण करना: विभिन्न पर्सपेक्टिव से टॉपिक को एक्सप्लोर करना, जैसे बिगिनर लेवल पर।

छात्र अपनी जरूरत के अनुसार सर्च को कस्टमाइज भी कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, अगर कोई छात्र किसी कॉन्सेप्ट को बेसिक लेवल पर समझना चाहता है, तो वह "Explain [concept] from a beginner’s perspective" जैसे प्रॉम्प्ट का उपयोग कर सकता है। चैटजीपीटी ने बताया कि इन चैट्स और संसाधनों को तैयार करने में भारत के 25 से अधिक कॉलेज छात्रों का योगदान रहा है, जो चैटजीपीटी लैब के माध्यम से इनका निर्माण और रैंकिंग कर चुके हैं।

स्टडी मोड का विस्तार

यह पहल ओपनएआई (चैटजीपीटी की मूल कंपनी) के कुछ महीने पहले लॉन्च किए गए 'स्टडी मोड' फीचर का विस्तार है। इस मोड में चैटजीपीटी पारंपरिक सवाल-जवाब से आगे बढ़कर खुद सवाल पूछता है, क्विज आयोजित करता है और छात्रों को ट्यूशन जैसी इंटरएक्टिव मदद प्रदान करता है। ओपनएआई की एजुकेशन वीपी लीह बेल्स्की के अनुसार, "चैटजीपीटी अब दुनिया का सबसे बड़ा लर्निंग प्लेटफॉर्म बन चुका है। भारत में 50% से अधिक यूजर्स 24 वर्ष से कम उम्र के हैं, जो छात्रों को प्रमुख ऑडियंस बनाते हैं।" हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत चैटजीपीटी के मोबाइल ऐप यूजर्स में 13.5% का योगदान देता है, जो वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक है।

ओपनएआई के इस कदम से शिक्षा क्षेत्र में एआई के उपयोग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, खासकर जब छात्र परीक्षा दबाव और स्किल बिल्डिंग के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रहे हैं। यह सेक्शन सभी चैटजीपीटी यूजर्स के लिए मुफ्त उपलब्ध है, और छात्र आसानी से प्रॉम्प्ट क्लिक करके सेशन शुरू कर सकते हैं।