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UPI बाजार में ZOHO की एंट्री: ZOHO Pay ऐप से गूगल पे को देगा टक्कर

 
ZOHO Pay
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नई दिल्ली I भारत के डिजिटल पेमेंट्स सेक्टर में एक नया खिलाड़ी उभरकर सामने आया है। चेन्नई की सॉफ्टवेयर कंपनी जोहो ने अपने यूपीआई-आधारित पेमेंट ऐप जोहो पे को लॉन्च करने की तैयारी कर ली है। यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि जोहो, जो पहले से ही एक प्रमुख सास (SaaS) प्रदाता और स्वदेशी मैसेजिंग ऐप अरट्टई के लिए जाना जाता है, अब मोबाइल कंज्यूमर फिनटेक क्षेत्र में कदम रख रहा है। यह क्षेत्र लंबे समय से फोनपे, पेटीएम और गूगल पे जैसे दिग्गजों के दबदबे में रहा है।

जोहो पे क्या है और इसका अरट्टई से क्या संबंध है?

जोहो पे एक यूपीआई-आधारित पेमेंट्स प्लेटफॉर्म है, जिसे जोहो ने अपने चैट ऐप अरट्टई के साथ एकीकृत किया है। यह एकीकरण उपयोगकर्ताओं को चैट के दौरान ही पैसे भेजने, बिल चुकाने और लेनदेन करने की सुविधा देता है। जोहो ने यह भी पुष्टि की है कि वह एक स्टैंडअलोन जोहो पे ऐप भी लॉन्च करेगा। यह कदम जोहो को भारत के विशाल डिजिटल पेमेंट्स बाजार में एक बड़े उपयोगकर्ता आधार तक पहुंचाने में मदद कर सकता है।

लॉन्च का समय और संभावनाएं

फिलहाल जोहो पे का लॉन्च समय स्पष्ट नहीं है, क्योंकि ऐप अभी "क्लोज्ड टेस्टिंग" चरण में है। हालांकि, माना जा रहा है कि चेन्नई स्थित यह कंपनी जल्द ही व्यापक रिलीज की योजना बना रही है। भारत का डिजिटल पेमेंट्स इकोसिस्टम दुनिया में सबसे सक्रिय है, और यूपीआई लेनदेन इसकी रीढ़ है। ऐसे में जोहो का यह कदम बाजार में नई हलचल पैदा कर सकता है I 

जोहो पे की खासियतें

जोहो पे न केवल एक सामान्य यूपीआई ऐप के रूप में काम करेगा, बल्कि यह अरट्टई के साथ एकीकरण के जरिए कुछ अनूठी सुविधाएं भी प्रदान करेगा। उपयोगकर्ता चैट के दौरान ही पैसे भेज या प्राप्त कर सकेंगे, बिलों का भुगतान कर सकेंगे और अन्य लेनदेन आसानी से कर सकेंगे। यह सुविधा अरट्टई को एक "सुपर-ऐप" के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक कदम है, जो संचार और वित्तीय सेवाओं को एक मंच पर जोड़ता है। यह उपयोगकर्ताओं के लिए चैटिंग और वित्तीय लेनदेन के बीच सहज बदलाव को संभव बनाता है, जिससे जोहो न केवल पेमेंट्स बल्कि अरट्टई के उपयोगकर्ता आधार को भी बढ़ा सकता है।

चुनौतियां और प्रतिस्पर्धा
 
जोहो के सामने कई चुनौतियां हैं। Inc42+ एनालिटिक्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, "उपयोगकर्ता अधिग्रहण लागत, पैमाने पर प्रतिस्पर्धी प्रोत्साहन और नियामक अनुपालन" जैसे कारक किसी भी पेमेंट ऐप की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पेटीएम और गूगल पे जैसे स्थापित खिलाड़ियों के बीच विश्वास और वफादारी हासिल करना जोहो के लिए आसान नहीं होगा।