Caste Census : जातीय जनगणना को लकर ओपी राजभर ने विपक्षी दलों को घेरा, कहा- अगले 22 साल तक..

Caste Census : उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने जातीय जनगणना (Caste Census) के मुद्दे पर विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि जो काम कांग्रेस, सपा और बसपा जैसे दल लंबे समय तक सत्ता में रहकर भी नहीं कर पाए, वह अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरा होने जा रहा है। उन्होंने इसे “ऐतिहासिक और सामाजिक न्याय की दिशा में बड़ा कदम” बताया।

Caste Census : “जातिगत गणना सिर्फ मोदी के नेतृत्व में ही संभव थी”

ओम प्रकाश राजभर ने कहा, “1931 के बाद कांग्रेस ने लगभग 50 साल तक देश पर शासन किया, लेकिन जातिगत जनगणना (Caste Census) की हिम्मत नहीं दिखाई। सपा-बसपा की सरकारें भी आईं, गठबंधन भी हुए, लेकिन काम नहीं हुआ। मैंने पहले ही कहा था—अगर कभी जातिवार जनगणना होगी, तो वो मोदी जी के नेतृत्व में ही होगी। आज वो बात सच हो रही है।”

जाति जनगणना से मिलेगा हकदारों को अधिकार

राजभर ने इसे सामाजिक न्याय के लिए अहम बताते हुए कहा कि यह पहल उन तबकों को आवाज देगी जिनकी दशकों से कोई गिनती नहीं हुई।

“अब जब जातियों की सही संख्या सामने आएगी तो यह भी पता चलेगा कि किनके हक मारे गए और किसे कितना हक मिलना चाहिए। मोदी जी ने जो कदम उठाया है, वह वंचितों के भविष्य को रोशन करने वाला है। इस फैसले के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करता हूं।”

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विपक्ष को लगाई लताड़: “अब राजनीति करने का नैतिक अधिकार नहीं”

राजभर ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा, “कल तक यही लोग जातीय जनगणना की मांग कर रहे थे, अब जब सरकार ने कर दी तो कह रहे हैं कि यह राजनीतिक लाभ के लिए किया गया है। अगर वाकई चिंता थी, तो उन्होंने अपनी सरकारों में क्यों नहीं कराया? अब उन्हें चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए।”

सपा पर सीधा हमला: “अब 22 साल तक सत्ता का सपना छोड़ दें”

राजभर ने समाजवादी पार्टी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सपा सिर्फ वोटबैंक की राजनीति करती है। अब वो चाहे पोस्टर लगाएं या कोई भी चाल चलें, जनता जान चुकी है। अगले 22 साल तक उन्हें सत्ता में वापसी नहीं मिलने वाली। नरेंद्र मोदी जनता के समर्थन से प्रधानमंत्री बने हैं और वह जनहित में फैसले ले रहे हैं, किसी के दबाव में नहीं।”


ओम प्रकाश राजभर का यह बयान स्पष्ट संकेत है कि जातीय जनगणना (Caste Census) अब एक अहम राष्ट्रीय बहस का विषय बन चुका है और इसे लेकर केंद्र सरकार और विपक्ष के बीच सियासी टकराव लगातार तेज हो रहा है। क्या आप चाहेंगे कि इसे ग्राउंड रिपोर्ट या एनालिसिस लेख के रूप में भी तैयार किया जाए?

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