Chaitra Navratri 2025 : सातवां दिन भवानी गौरी और मां कालरात्रि को है समर्पित, काशी के इस क्षेत्र में है माता का मंदिर

Chaitra Navratri 2025 : चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2025) में देवी पूजन का विशेष महत्व होता है। सातवें दिन मां कालरात्रि और भवानी गौरी की आराधना का विधान है। इस दिन विश्वनाथ गली स्थित श्रीराम मंदिर में भवानी गौरी के दर्शन किए जाते हैं, जबकि कालिका गली में मां कालरात्रि के प्राचीन मंदिर में श्रद्धालु माता की उपासना करते हैं। सुबह से ही भक्तजन दर्शन के लिए उमड़ पड़े, और चारों ओर “जय मां भवानी” और “जय मां कालरात्रि” के जयघोष गूंजने लगे। भोर से आरंभ हुआ पूजन-संस्कार देर रात तक अनवरत चलता रहेगा।

Chaitra Navratri 2025 : मंगला आरती के साथ हुआ भव्य श्रृंगार

कालिका गली में स्थित मां कालरात्रि मंदिर में मंगला आरती से पहले देवी का पारंपरिक श्रृंगार किया गया। जैसे ही मंदिर के कपाट खुले, भक्तों की लंबी कतार दर्शन के लिए आतुर दिखाई दी। नारियल, चुनरी, फूल और प्रसाद अर्पित कर श्रद्धालुओं ने माता का आशीर्वाद प्राप्त किया। माता की एक झलक पाकर भक्त धन्य हो गए।

मां कालरात्रि के दर्शन से टलती हैं विपत्तियां

मां कालरात्रि की आराधना से भक्त निरोग रहते हैं और उनके घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। देवी के दर्शन से अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है और जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं। मां कालरात्रि को पान अत्यंत प्रिय है, और इसे अर्पित करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। सुहागिन महिलाओं के लिए मां का पूजन अखंड सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है, वहीं कुंवारी कन्याओं को योग्य वर की प्राप्ति होती है। मां कालरात्रि को संकटहरणी भी कहा जाता है, क्योंकि वे भक्तों के कष्टों को हरने वाली देवी मानी जाती हैं।

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