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बनारस बार एसोसिएशन का मतदान 2 और सेंट्रल बार का 3 जनवरी को, चार को होगी मतगणना 

इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद वाराणसी में बनारस और सेंट्रल बार एसोसिएशन के चुनाव का रास्ता साफ हो गया है। दोनों संगठनों ने जनवरी में मतदान व मतगणना की तिथियां घोषित कर दी हैं। एल्डर कमेटी का गठन कर चुनावी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

 
बनारस बार एसोसिएशन
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वाराणसी: पूर्वांचल के दो प्रमुख अधिवक्ता संगठनों, बनारस बार एसोसिएशन और सेंट्रल बार एसोसिएशन के वार्षिक चुनाव को लेकर लंबे समय से जारी असमंजस शुक्रवार को समाप्त हो गया। इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा चुनाव कराने का स्पष्ट आदेश पारित किए जाने के बाद दोनों बार एसोसिएशनों की कार्यकारिणी ने बैठक कर चुनाव तिथियों की औपचारिक घोषणा कर दी।

बनारस बार एसोसिएशन का चुनाव कार्यक्रम घोषित

बनारस बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सतीश तिवारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में दो जनवरी को मतदान और चार जनवरी को मतगणना कराने का निर्णय लिया गया। चुनाव संपन्न कराने के लिए एल्डर कमेटी का गठन कर दिया गया है।

पूर्व अध्यक्ष अमरनाथ शर्मा को एल्डर कमेटी का चेयरमैन बनाया गया है। कमेटी में पूर्व अध्यक्ष सुरेश श्रीवास्तव, प्रमोद कुमार पाठक, नरेंद्र कुमार श्रीवास्तव और मोहम्मद समीम को सदस्य तथा वरिष्ठ अधिवक्ता तारकनाथ गांगुली को विशेष आमंत्रित सदस्य नामित किया गया है। बैठक का संचालन महामंत्री शशांक श्रीवास्तव ने किया।

सेंट्रल बार एसोसिएशन में 3 जनवरी को मतदान

वहीं, सेंट्रल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मंगलेश दूबे की अध्यक्षता में हुई बैठक में तीन जनवरी को मतदान और चार जनवरी को मतगणना कराने की घोषणा की गई। पूर्व अध्यक्ष राधेलाल श्रीवास्तव को एल्डर कमेटी का चेयरमैन बनाया गया है। 

कमेटी में पूर्व अध्यक्ष विजय शंकर रस्तोगी, अशोक कुमार सिंह ‘प्रिंस’, मोहन यादव और वरिष्ठ अधिवक्ता महफूज आलम को सदस्य बनाया गया है, जबकि वरिष्ठ अधिवक्ता क्षत्रधारी सिंह विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे। एल्डर कमेटी शीघ्र ही विस्तृत चुनाव कार्यक्रम जारी करेगी। बैठक का संचालन महामंत्री राजेश गुप्ता ने किया।


गौरतलब है कि बार कौंसिल ऑफ इंडिया ने प्रदेश बार कौंसिल के जनवरी में होने वाले चुनाव को देखते हुए 16 फरवरी के बाद ही जिला बार एसोसिएशनों के चुनाव कराने का निर्देश दिया था। इस आदेश के चलते हर वर्ष दिसंबर में होने वाले बनारस और सेंट्रल बार के चुनाव पर रोक लग गई थी।

इस फैसले से नाराज अधिवक्ताओं ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया। हाईकोर्ट ने बार कौंसिल के निर्देश को अवैधानिक करार देते हुए स्पष्ट किया कि बार कौंसिल ऑफ इंडिया या प्रदेश बार कौंसिल को जिला बार एसोसिएशनों के चुनाव नियंत्रित करने का अधिकार नहीं है।

कचहरी परिसर में बढ़ी चुनावी सरगर्मी

हाईकोर्ट के आदेश के बाद वाराणसी कचहरी परिसर में चुनावी माहौल गरमा गया है। अधिवक्ताओं के बीच सक्रियता तेज हो गई है और प्रत्याशियों ने भी चुनावी रणनीति बनानी शुरू कर दी है।