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अधिवक्ताओं ने बांग्लादेश सरकार का पुतला फूंका, हिंदुओं पर अत्याचार के विरोध में किया प्रदर्शन

वाराणसी में अधिवक्ताओं ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और हत्याओं के विरोध में बांग्लादेश सरकार का पुतला दहन किया। वकीलों ने केंद्र सरकार से कठोर कदम उठाने और अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की।

 
बांग्लादेश हिंसा
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वाराणसी: बांग्लादेश में लगातार हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों, हिंसा और हत्याओं के विरोध में शुक्रवार को वाराणसी के अधिवक्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। कचहरी परिसर के पास अधिवक्ताओं ने बांग्लादेश सरकार का पुतला दहन कर आक्रोश जताया और केंद्र सरकार से कड़े कदम उठाने की मांग की।

प्रदर्शन कर रहे अधिवक्ताओं ने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं को सुनियोजित तरीके से निशाना बनाया जा रहा है। लगातार हिंदुओं के उत्पीड़न की घटनाएं सामने आ रही हैं, लेकिन वहां की सरकार मूकदर्शक बनी हुई है।

अधिवक्ता दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं की हत्या केवल कानून व्यवस्था की विफलता नहीं, बल्कि मानवाधिकारों पर सीधा हमला है। भारत सरकार को इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय मंच पर सख्त रुख अपनाना चाहिए।

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वहीं अधिवक्ता राजेश कुश्वाहा ने कहा कि हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें तत्काल वापस भेजा जाना चाहिए।

अधिवक्ता सूर्यभान तिवारी ने कहा कि बांग्लादेश सरकार की चुप्पी चिंता का विषय है। अगर समय रहते कठोर कार्रवाई नहीं हुई, तो हालात और भयावह होंगे। भारत सरकार को हिंदुओं की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।

अधिवक्ताओं ने केंद्र सरकार से मांग की है कि बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा के लिए कूटनीतिक दबाव बनाया जाए। मानवाधिकार उल्लंघन पर अंतरराष्ट्रीय जांच हो। भारत में अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों पर सख्त कार्रवाई कर उन्हें देश से बाहर किया जाए।