BHU–IIT BHU मिलकर शुरू करेंगे बीटेक-एमबीए डुअल डिग्री और जॉइंट पीएचडी प्रोग्राम
वाराणसी। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बीएचयू ने इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट की पढ़ाई को नई दिशा देने का फैसला किया है। दोनों संस्थान संयुक्त रूप से पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड बीटेक-एमबीए डुअल डिग्री प्रोग्राम और जॉइंट पीएचडी प्रोग्राम शुरू करने की योजना बना रहे हैं। इससे छात्रों को तकनीकी और प्रबंधन दोनों क्षेत्रों में मजबूत स्किल्स मिलेंगी।
इस संबंध में प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं। दोनों संस्थानों की ओर से दो प्रोफेसरों की एक समिति गठित की जाएगी, जो भविष्य के कार्यों की जिम्मेदारी संभालेगी। बीएचयू के कुलपति प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी ने 10 अक्टूबर को आईआईटी बीएचयू का दौरा किया था, जहां इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई। इसके बाद 4 नवंबर को दोनों संस्थानों की जॉइंट कोऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक में इस फैसले को औपचारिक रूप दिया गया। बैठक के मिनट्स में भी इसकी पुष्टि की गई है।
वर्तमान में कोर्स का सिलेबस और पूरी संरचना तैयार की जा रही है। संभावना है कि अगले शैक्षणिक सत्र से इन प्रोग्राम्स की शुरुआत हो सकेगी। जॉइंट पीएचडी प्रोग्राम के तहत शोधार्थी दोनों संस्थानों की लैबोरेट्री और विशेषज्ञता का लाभ उठा सकेंगे, जिससे रिसर्च कार्य अधिक प्रभावी होगा।
आईआईटी कानपुर में पहले से चल रहा ऐसा कोर्स
आईआईटी कानपुर सहित कुछ प्रमुख संस्थानों में पहले से ही पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड बीटेक-एमबीए कोर्स संचालित हो रहा है। अलग-अलग करने पर बीटेक चार वर्ष और एमबीए दो वर्ष का होता है, लेकिन इंटीग्रेटेड प्रोग्राम में दोनों एक साथ पूरा हो जाते हैं। इससे छात्रों में तकनीकी ज्ञान के साथ-साथ मैनेजमेंट स्किल्स भी विकसित होती हैं। प्रवेश के लिए जेईई और कैट जैसे परीक्षाओं का आधार लिया जाता है।
आईआईटी बीएचयू और बीएचयू की ओर से अभी इन कोर्सेस के लिए स्पष्ट मानक तय नहीं किए गए हैं, लेकिन सामान्यतः 12वीं में 60 प्रतिशत अंक, साथ ही गणित, भौतिकी और अंग्रेजी अनिवार्य विषय होने चाहिए। कोर्स पूरा करने के बाद छात्रों को बेहतरीन प्लेसमेंट मिलेगा, जिसमें गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, पेगा जैसी प्रमुख कंपनियां शामिल होंगी।
