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कफ सिरफ मामला : शुभम के करीबी परिजन की फर्म से अयोध्या की कंपनी को 2 करोड़ ट्रांसफर, ED खंगाल रही मनी ट्रेल

 
Shubham
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नशीले कफ सिरप तस्करी सिंडिकेट की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को बड़ी मनी ट्रेल के अहम सुराग मिले हैं। जांच में सामने आया है कि मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल के करीबी परिजन की एक फर्म से करीब 2 करोड़ रुपये की रकम अयोध्या की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी को ट्रांसफर की गई। अधिकारियों को शक है कि इसी रकम से लैंड क्रूजर गाड़ी खरीदी गई, जिसे पूर्वांचल के एक माफिया रिश्तेदार को गिफ्ट किया गया।

इस खुलासे के बाद ईडी ने वाराणसी की फर्म और अयोध्या की कंस्ट्रक्शन कंपनी के बीच पैसों के लेन-देन यानी मनी ट्रेल की गहन जांच शुरू कर दी है।

टोयोटा से मिली जानकारी के बाद तेज हुई जांच

सूत्रों के मुताबिक, जौनपुर स्थित टोयोटा डीलरशिप से मिली जानकारी के आधार पर जब अयोध्या की कंपनी की गहराई से पड़ताल की गई, तो कई संदिग्ध वित्तीय लेन-देन सामने आए। जिस बैंक खाते से लैंड क्रूजर खरीदने के लिए रकम ट्रांसफर की गई, उसमें पहले ज्यादा गतिविधि नहीं पाई गई।

चौंकाने वाली बात यह है कि महज तीन साल पहले बनी कंपनी को इतनी बड़ी रकम क्यों और किस आधार पर दी गई, यह सवाल जांच एजेंसियों के सामने है। इसके बाद उसी रकम से महंगी लग्जरी गाड़ी खरीदे जाने के सबूत मिलने से माफिया कनेक्शन भी जांच के दायरे में आ गया है।

ईडी यह भी पता लगाने में जुटी है कि अयोध्या की कंपनी और शुभम जायसवाल के करीबी परिजन की फर्म के बीच किस तरह के कारोबारी संबंध थे, जिनके चलते यह बड़ी रकम ट्रांसफर की गई।

माफिया संरक्षण के संकेत

अब तक की जांच जिस दिशा में आगे बढ़ रही है, उससे यह संकेत मिल रहे हैं कि नशीले कफ सिरप की तस्करी करने वाले नेटवर्क को माफिया का संरक्षण प्राप्त था। पैसों को अलग-अलग कंपनियों और खातों के जरिए घुमाकर लग्जरी गाड़ियों और अन्य संपत्तियों में खपाने की रणनीति अपनाई गई।

1777 सीरीज की लग्जरी गाड़ियां भी जांच के घेरे में

इस मामले में पहले से जांच के दायरे में चल रही 9777 और 1111 सीरीज की लग्जरी गाड़ियों के बाद अब 1777 सीरीज की गाड़ियां भी ईडी के रडार पर आ गई हैं। इन नंबरों वाली महंगी गाड़ियों का इस्तेमाल माफिया के एक रिश्तेदार द्वारा किया जा रहा है, जो कंस्ट्रक्शन कंपनी संचालक का भाई बताया जा रहा है।

जानकारी के मुताबिक, यह व्यक्ति आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी भी कर रहा है। ईडी दोनों भाइयों की पूरी पृष्ठभूमि और आर्थिक हैसियत की जांच कर रही है।

अचानक बढ़ी दौलत बनी जांच की वजह

जांच में सामने आया है कि कुछ साल पहले तक दोनों भाई मोटरसाइकिल से सफर करते थे, लेकिन अचानक उनके पास करोड़ों की संपत्ति और लग्जरी गाड़ियां आ गईं। इनमें से एक भाई बिजली विभाग में ठेकेदारी करता है। बीते एक साल में उसके द्वारा की गई कई विदेश यात्राएं भी अब जांच एजेंसी के रडार पर हैं।

ईडी अधिकारियों का मानना है कि आने वाले दिनों में इस मनी ट्रेल से जुड़े और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।