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वाराणसी में दालमंडी चौड़ीकरण की शुरुआत, हथौड़ा-ड्रील मशीन लेकर पहुंची प्रशासन, दुकान मालिकों ने कहा- ये गलत...

 
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वाराणसी में दालमंडी चौड़ीकरण परियोजना को लेकर प्रशासन ने काम शुरू कर दिया है। शासन के निर्देश के बाद नगर निगम और पीडब्ल्यूडी की संयुक्त टीम ने बुधवार को दालमंडी बाजार में दुकानों और मकानों पर निशान लगाने का काम शुरू कर दिया। टीम को हथौड़ा और ड्रिल मशीन के साथ देखकर इलाके में हड़कंप मच गया। दुकानदारों ने अपने सामान की शिफ्टिंग शुरू कर दी है। सुरक्षा को देखते हुए ड्रोन से नजर रखी जा रही है।

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जानकारी के अनुसार, जिन भवन स्वामियों को मुआवजा मिल गया है और दस्तावेज जमा कर दिए हैं, उनके भवनों को पहले तोड़ा जाएगा। नगर निगम ने दालमंडी के कुल 187 भवनों को चिन्हित किया है। इनमें से 181 मालिकों को नोटिस जारी किया गया था। पहली दुकान राकेश शरण और दीपक शरण की तोड़ी जाएगी। इन्हें ₹15 लाख का मुआवजा मिला है, जिसे दोनों भाइयों ने आपस में बांटा है।

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एडीएम सिटी आलोक वर्मा ने बताया कि मुआवजा सर्किल रेट ₹44,000 प्रति वर्ग मीटर के दोगुने के आधार पर दिया जा रहा है। भवन स्वामियों को अपने कागजात कैंप कार्यालय में जमा करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि भुगतान की प्रक्रिया तेज़ी से पूरी की जा सके।

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फोर्स के साथ दालमंडी पहुंचे डीसीपी गौरव बंसल ने बताया कि दालमंडी के चौड़ीकरण का काम आज से शुरु कर दिया गया है। फेज़वाइस पहले मुआवजा मिल चुके दुकानों को तोड़ा जा रहा है। दालमंडी की गलियां काफी संकरी है। इसलिए पहले हथौड़े और ड्रिल मशीन से चौड़ीकरण की जद में आए दुकानों को तोड़ा जा रहा है। जैसे जैसे मुआवजे की रकम भवन स्वामियों को मिलती जाएगी चौड़ीकरण का काम आगे बढ़ता जाएगा।

भवन स्वामी और दुकान मालिक मुआवजे से नाराज

दुकान से सामान खाली करते हुए मुन्ने खान ने बताया कि उन्हें मुआवजे की रकम मिली है जो 14 लाख है। सरकार ने इतनी बड़ी दुकान का मुआवजा सिर्फ 14 लाख दिया है वो भी दो भाइयों में बट जाएगा। सरकार सर्किल रेट से मुआवजा दे रही है, जो बहुत कम है।

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दालमंडी निवासी हाफिजुल रहमान ने कहा- एक दिन के लिए दर्शन करने आने वाले दर्शनार्थियों के लिए 365 दिन दुकान खालने वाले दुकानदारों को परेशान किया जा रहा है। सरकार यहां हमारा रोजगार खत्म कर रहा है। इस जगह के सभी दुकानों की मार्केट वैल्यू ज्यादा है पर सरकार सर्किल रेट के हिसाब से बहुत कम मुआवजा दे रही है।

कुछ दुकानदार चौड़ीकरण परियोजना को लेकर शासन प्रशासन से नाराज दिखे। दुकानदारों का कहना है कि पहले तो मुआवजे की रकम जो दी जा रही है, वो बहुत कम है। 90 लाख की वैल्यू वाली जमीन का सिर्फ 30 लाख दिया जा रहा। चौड़ीकरण के नाम पर चार पीढ़ियों से चल रहे दुकानों को तोड़ा जा रहा है, हम कुछ भी नहीं कर सकते, जो गलत है।

फिलहाल जो भी हो, सरकार के इस ड्रीम प्रोजेक्ट से कुछ भवन स्वामी नाराज है तो कुछ खुश भी, जो भी हो सरकार का ये प्रोजेक्ट रुकने वाला नहीं। प्रशासन का कहना है कि चौड़ीकरण के बाद दालमंडी को आधुनिक बाजार के रूप में विकसित किया जाएगा, जहाँ पैदल यात्रियों और वाहनों के लिए पर्याप्त जगह होगी।