Dev Deepawali 2025 : लाखों दीपों से टिमटिमाएं गंगा तट, CM Yogi ने भी देखी देव दीपावली की अद्भुत छटा
वाराणसी। देव दीपावली के पावन पर्व पर महादेव नगरी काशी के अर्धचंद्राकार गंगा घाट लाखों दीपों की रोशनी से जगमगा उठे। मां गंगा की लहरों पर झिलमिलाते दीपों की जगमगाहट देख लगा मानो काशी की धरती पर स्वर्ग उतर आया हो। देव दीपावली (Dev Deepawali) का शुभारंभ सीएम योगी ने नमो घाट पर पहला दीप जलाकर किया। मानो पूरा स्वर्ग लोक काशी की धरती पर उतर आया हो।

क्रूज से सीएम ने देखी देव दीपावली की अद्भुत छटा
दीप प्रज्वलन के बाद मुख्यमंत्री क्रूज़ पर सवार होकर मां गंगा की आरती और घाटों पर जगमगाती दीपावलियों का नज़ारा देखने पहुंचे। इस अवसर पर पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह, राज्य मंत्री रविंद्र जायसवाल, विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी, महापौर अशोक तिवारी समेत कई जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
घाटों पर मौजूद श्रद्धालुओं ने “हर हर महादेव” के जयघोष से मुख्यमंत्री का स्वागत किया। सीएम योगी ने भी हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया।

दशाश्वमेध घाट पर अमर जवान ज्योति की अनुकृति से दी श्रद्धांजलि
धर्म और राष्ट्रभक्ति का संगम दशाश्वमेध घाट पर दिखा, जहाँ अमर जवान ज्योति की अनुकृति स्थापित की गई। यहां सेना के तीनों विंग के अफसरों ने पुष्पचक्र अर्पित कर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। इस वर्ष का आयोजन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को समर्पित रहा, जिसमें देश की वीर माताओं के बलिदान को नमन किया गया।

15 लाख दीपों से जगमगाई काशी
इस बार सरकार ने 10 लाख दीप जलाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन जनसहभागिता से यह संख्या बढ़कर 15 से 25 लाख दीपों तक पहुंच गई। इनमें एक लाख पर्यावरण अनुकूल गाय के गोबर से बने दीप शामिल थे। घाटों, तालाबों और देवालयों पर सजे दीपों ने काशी को सुनहरी माला की तरह सजा दिया।

चेत सिंह घाट पर ‘काशी-कथा’ थ्रीडी शो बना आकर्षण का केंद्र
आस्था और तकनीक का अनूठा संगम चेत सिंह घाट पर दिखा, जहां 25 मिनट का थ्रीडी शो ‘काशी-कथा’ प्रस्तुत किया गया। इसमें भगवान शिव-पार्वती विवाह, भगवान बुद्ध के उपदेश, संत कबीर और तुलसीदास की भक्ति परंपरा से लेकर महामना मदन मोहन मालवीय द्वारा काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना तक की यात्रा को जीवंत रूप में दर्शाया गया।
गंगा पार ‘ग्रीन क्रैकर्स शो’ ने मोहा मन
गंगा पार रेत पर संगीत के साथ तालमेल बिठाते हुए ग्रीन क्रैकर्स शो ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। रंग-बिरंगी रोशनी जब गंगा की लहरों पर प्रतिबिंबित हुई, तो पूरा वातावरण उत्साह और रोमांच से भर उठा।
महाआरती में दिखा आध्यात्मिकता और राष्ट्रभक्ति का संगम
दशाश्वमेध घाट पर हुई महाआरती में 21 अर्चक और 42 देव कन्याओं ने मां गंगा की आरती की। घाट को 21 कुंटल फूलों और 51 हजार दीपों से सजाया गया था। शंख, घंटा-घड़ियालों की गूंज और मंत्रोच्चार के साथ जब आरती हुई, तो पूरा वातावरण शिवमय हो गया। इस दौरान शहीद वीरों को ‘भगीरथ शौर्य सम्मान’ से भी सम्मानित किया गया।

काशी विश्वनाथ धाम में विशेष पूजा और सजावट
श्री काशी विश्वनाथ धाम में इस अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना और फूलों की भव्य सजावट की गई। मंदिर परिसर दीपों की उजास से आलोकित हो उठा, जहाँ श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ी रही।
जल, थल और नभ से सुरक्षा व्यवस्था रही कड़ी
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और वीवीआईपी उपस्थिति को देखते हुए वाराणसी को नो-फ्लाई जोन घोषित किया गया। बिना अनुमति ड्रोन उड़ाने पर प्रतिबंध रहा। घाटों पर एनडीआरएफ और जल पुलिस की टीमें बोट्स और वॉटर एम्बुलेंस के साथ तैनात रहीं। नदी मार्ग पर नावों के लिए तय लेन बनाई गई और सुरक्षा दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन कराया गया। महिलाओं की सुरक्षा के लिए एंटी रोमियो स्क्वॉड, सादी वर्दी में महिला पुलिसकर्मी और क्यूआरटी टीमें मुस्तैद रहीं।
