वाराणसी में बनेगा पहला तारामंडल: शिक्षा और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
वाराणसी। विज्ञान और भूगोल के क्षेत्र में रुचि रखने वाले छात्रों, शिक्षकों तथा शोधार्थियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। शहर के लहरतारा क्षेत्र में प्राथमिक विद्यालय द्वितीय के पास करीब आधा एकड़ जमीन पर आधुनिक तारामंडल (प्लैनेटेरियम) का निर्माण होगा। प्रशासन और शिक्षा विभाग ने इसके लिए जमीन चिह्नित कर शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। नए साल में जनवरी 2026 से इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर काम शुरू होने की उम्मीद है।
तारामंडल एक विशेष गोलाकार हॉल होता है, जहां बड़े गुंबदनुमा छत पर शक्तिशाली प्रोजेक्टर की मदद से तारे, ग्रह, आकाशगंगाएं, उल्कापिंड और ब्रह्मांड की अन्य घटनाओं का जीवंत प्रदर्शन किया जाता है। इससे दर्शकों को रात के आकाश जैसा रोमांचक अनुभव मिलता है। सामान्य आंखों से देखना मुश्किल वाली अंतरिक्ष की रहस्यमयी दुनिया को यहां करीब से समझा जा सकता है।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के खगोल वैज्ञानिक डॉ. अलकेंद्र सिंह ने बताया कि तारामंडल के बनने से शिक्षा, मनोरंजन, वैज्ञानिक जिज्ञासा और पर्यटन को बड़ा बढ़ावा मिलेगा। खासतौर पर छात्रों को खगोल विज्ञान की जटिल अवधारणाओं जैसे पृथ्वी का घूर्णन (रोटेशन), ऋतु परिवर्तन, चंद्रमा की कलाएं (फेज) और ब्रह्मांड का विशाल पैमाना को सरल, रोचक और व्यावहारिक तरीके से समझने में मदद मिलेगी। यह विज्ञान की अमूर्त अवधारणाओं को ठोस और आकर्षक अनुभव में बदल देगा।
जिले में पहला ऐसा तारामंडल बनने से न केवल स्थानीय छात्र-छात्राएं लाभान्वित होंगे, बल्कि आसपास के क्षेत्रों से आने वाले पर्यटक और विज्ञान प्रेमी भी आकर्षित होंगे। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, प्रस्ताव को जल्द मंजूरी मिलने की संभावना है, जिससे वाराणसी विज्ञान शिक्षा के मानचित्र पर और मजबूती से उभरेगा।
