आयुष विभाग में पारदर्शिता और अनुशासन का दें ध्यान, अस्पतालों में ना हो दवाओं की कमी- मंत्री दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’
वाराणसी। प्रदेश के आयुष, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ ने विभागीय कार्यप्रणाली को और अधिक प्रभावी, पारदर्शी और अनुशासित बनाने के लिए अधिकारियों को सख्त दिशा-निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि निलंबन, विभागीय जांच और एसीपी (आश्वस्त कैरियर प्रगति) से जुड़े सभी मामलों का निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर समयबद्ध ढंग से किया जाए, ताकि अनावश्यक देरी खत्म हो सके।
मंत्री ने कहा कि आयुष विभाग में लंबे समय से रिक्त पदों के कारण कामकाज प्रभावित हो रहा है। ऐसे में उपलब्ध रिक्तियों के सापेक्ष संबंधित आयोगों को शीघ्र अधियाचन भेजा जाए। साथ ही आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी निदेशालयों में लंबित प्रोन्नति मामलों का निस्तारण करते हुए पात्र कर्मचारियों को समय पर पदोन्नति दी जाए।
अस्पतालों में दवाओं की उपलब्धता अनिवार्य
डॉ. दयालु ने स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रदेश के किसी भी आयुष अस्पताल में दवाओं की कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आम जनता को बेहतर और निरंतर स्वास्थ्य सेवाएं देना सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए दवा आपूर्ति की नियमित समीक्षा हो और आवश्यकता के अनुसार समय से खरीद और वितरण सुनिश्चित किया जाए। इस संबंध में विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को लिखित निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और लोकार्पण पर जोर
राज्य मंत्री ने आयुष विभाग के अंतर्गत चल रहे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और समयबद्धता पर भी विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी निर्माण कार्य तय मानकों के अनुसार और निर्धारित समय सीमा में पूरे किए जाएं। जो परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं, उनका लोकार्पण प्राथमिकता से कराया जाए, ताकि आमजन को जल्द लाभ मिल सके। वहीं, जिन कार्यों में तकनीकी या प्रशासनिक अड़चनें हैं, उनकी जानकारी तुरंत उच्च स्तर पर साझा कर समाधान निकाला जाए।
पीआरओ गौरव राठी ने बताया कि मंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ ने इस संबंध में प्रमुख सचिव आयुष रंजन कुमार, आयुष महानिदेशक सुश्री चैत्रा बी., होम्योपैथी निदेशक डॉ. पी.के. सिंह और यूनानी निदेशक प्रो. जमाल अख्तर को औपचारिक पत्र भेजकर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
