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वाराणसी में खुरपका-मुंहपका रोग का कहर, पशुपालक भयभीत

 
 वाराणसी में खुरपका-मुंहपका रोग का कहर, पशुपालक भयभीत
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वाराणसी I चिरईगांव विकास खंड के कई गांवों में खुरपका-मुंहपका रोग तेजी से फैल रहा है, जिससे पशुपालकों में दहशत का माहौल है। कमौली, सिंहवार, शंकरपुर, मढ़नी, चांदपुर, मुस्तफाबाद, गोबरहां, मोकलपुर सहित अन्य गांवों में बड़ी संख्या में दुधारू पशु इस रोग की चपेट में आ गए हैं। सबसे चिंताजनक स्थिति यह है कि संक्रमित पशुओं के नवजात बछड़ों की अचानक मौत हो रही है, जिससे पशुपालक बेहद परेशान हैं।

ठंड के मौसम में इस रोग का प्रकोप असामान्य माना जा रहा है। पशुचिकित्सकों का कहना है कि इस समय इस बीमारी का फैलना सामान्य नहीं है। पशुचिकित्साधिकारी चिरईगांव डॉ. आर.ए. चौधरी ने बताया कि इस मौसम में पशुओं में खुरपका-मुंहपका का प्रकोप नहीं होना चाहिए था। प्रभावित पशुओं के बछड़ों की मौत का स्पष्ट कारण अभी पता नहीं चल सका है। उन्होंने पशुपालकों को सलाह दी कि संक्रमित पशुओं के खुर और मुंह की नियमित रूप से पोटैशियम परमैंगनेट पाउडर के घोल से धुलाई कराई जाए।

कमौली गांव में यह रोग सबसे अधिक विकराल रूप दिखा रहा है। यहां राजीव सिंह की दुधारू गाय इस रोग से पीड़ित थी। हालत सुधारने के बाद शनिवार को गाय ने बछिया को जन्म दिया, लेकिन मात्र दस मिनट बाद बछिया की मौत हो गई। इसी गांव के चंद्रप्रकाश की दुधारू गाय भी इस रोग से ग्रस्त थी, जिसका बीस दिन का बछड़ा रविवार शाम तड़पकर मर गया।

ऐसी घटनाएं अन्य गांवों में भी सामने आ रही हैं, जिससे पशुपालक बेहद चिंतित हैं। पशुपालन विभाग के अनुसार, पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता में लगातार कमी आने से बीमारियों का प्रकोप बढ़ रहा है। विभाग ने पशुपालकों से सतर्क रहने और तुरंत चिकित्सा सहायता लेने की अपील की है।