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काशी विश्वनाथ धाम का चौथा स्थापना दिवस: वेदपाठ-विशेष पूजन, 4 साल में 139 देशों से 26 करोड़ श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

काशी विश्वनाथ धाम ने चौथा स्थापना दिवस भव्य पूजन और वेदपाठ के साथ मनाया। 2021 से अब तक 139 देशों से 26.23 करोड़ श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। भीड़ प्रबंधन की एसओपी देशभर के मंदिरों के लिए मॉडल बन गई है।

 
काशी विश्वनाथ धाम का चौथा स्थापना दिवस
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वाराणसी: काशी विश्वनाथ धाम ने अपने स्थापना के चार वर्ष पूरे होने पर भव्य धार्मिक अनुष्ठानों के साथ चौथा स्थापना दिवस मनाया। दो दिवसीय कार्यक्रम के पहले दिन मंदिर में विशेष पूजन-अर्चन किया गया, जबकि दूसरे दिन रविवार को धाम परिसर में विराजमान सभी देव विग्रहों का विधिवत पूजन, श्रृंगार और वेदपाठ संपन्न हुआ।

मंदिर प्रशासन के अनुसार वर्ष 2021 से अब तक काशी विश्वनाथ धाम में देश-विदेश के 139 देशों से 26 करोड़ 23 लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर चुके हैं। यह आंकड़ा धाम की वैश्विक पहचान और बढ़ते श्रद्धालु विश्वास को दर्शाता है।

मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि स्थापना दिवस के अवसर पर भगवान बद्रीनारायण, लक्ष्मी नारायण, माता अन्नपूर्णा, माता पार्वती और श्री हनुमान जी की विशेष आराधना की गई। सभी अनुष्ठान वैदिक विधि-विधान के अनुसार संपन्न हुए और वेदपाठ के माध्यम से बाबा को श्रद्धा अर्पित की गई।

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भीड़ प्रबंधन बना मॉडल, कई राज्यों ने मांगी एसओपी

भीड़ नियंत्रण को लेकर मंदिर प्रशासन की कार्यप्रणाली को देशभर में सराहा जा रहा है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि धाम की स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) अब एक मॉडल के रूप में देखी जा रही है। देश के कई बड़े मंदिरों, धार्मिक ट्रस्टों, पर्यटन विभागों और प्रबंधन एजेंसियों के प्रतिनिधि काशी विश्वनाथ धाम का दौरा कर क्राउड मैनेजमेंट सिस्टम का अध्ययन कर चुके हैं। कई राज्यों ने मंदिर प्रशासन से डाटा और एसओपी साझा करने का आग्रह भी किया है।

कर्मचारियों के व्यवहार पर सख्ती

विश्व भूषण मिश्रा ने कहा कि श्रद्धालुओं के साथ कर्मचारियों और सुरक्षा कर्मियों का व्यवहार सबसे बड़ी चुनौती होती है। किसी भी कर्मचारी या पुलिसकर्मी के खिलाफ दुर्व्यवहार की शिकायत मिलने पर तत्काल कार्रवाई की जाती है। संबंधित कर्मी को ड्यूटी से हटाने, स्थानांतरण या ऑफ-ड्यूटी करने जैसे कदम उठाए जाते हैं। इसी सख्ती के कारण धाम में तैनात स्टाफ और पुलिसकर्मी भक्तों के प्रति शिष्ट और सहयोगी व्यवहार बनाए रखते हैं।