खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी में उमड़ रही खरीददारों की भीड़, अब तक हुई 91 लाख की बिक्री
वाराणसी। अर्बन हॉट प्रांगण, चौकाघाट में आयोजित खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी-2025 लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। उत्तर प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की ओर से 20 से 29 दिसंबर तक चल रही इस दस दिवसीय प्रदर्शनी में रोजाना बड़ी संख्या में खरीदार पहुंच रहे हैं।
परिक्षेत्रीय ग्रामोद्योग अधिकारी यू.पी. सिंह ने बताया कि खादी न केवल स्वदेशी पहचान है, बल्कि यह रोजगार और आत्मनिर्भरता का मजबूत माध्यम भी है। उन्होंने कहा कि खादी कपास, रेशम और ऊन के हाथ से कते सूत से भारत के हथकरघों पर बुनी जाती है, जो गर्मी में ठंडक और सर्दी में गर्माहट देती है। यही वजह है कि आज खादी हर मौसम और हर उम्र के लोगों की पसंद बनती जा रही है।

उन्होंने बताया कि पहले खादी को साधारण वस्त्र माना जाता था, लेकिन अब यह फैशन का हिस्सा बन चुकी है। कॉलेज के छात्र, ऑफिस जाने वाले युवक-युवतियां और हर वर्ग के लोग खादी के परिधानों को अपना रहे हैं। प्रदर्शनी में बुधवार तक कुल 91 लाख रुपये की बिक्री हो चुकी है, जो खादी और ग्रामोद्योग से जुड़े कारीगरों व उद्यमियों के लिए उत्साहजनक संकेत है।
इस प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य लोगों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना और स्वदेशी उत्पादों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है, ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल सके। प्रदर्शनी में वाराणसी के अलावा उत्तराखंड, प्रतापगढ़, मीरजापुर, कुशीनगर, प्रयागराज सहित कई जिलों की पंजीकृत इकाइयों द्वारा लगाए गए कुल 125 स्टॉल हैं। इनमें 22 स्टॉल खादी के और 103 स्टॉल ग्रामोद्योग से जुड़े उत्पादों के हैं।
प्रदर्शनी में खरीदारी के साथ-साथ मनोरंजन का भी पूरा इंतजाम किया गया है। प्रतिदिन शाम को मॉ मुण्डेश्वरी म्यूजिक द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जा रहे हैं, जिसका दर्शक भरपूर आनंद ले रहे हैं। आयोजकों ने लोगों से अपील की है कि वे परिवार के साथ प्रदर्शनी में आकर स्वदेशी उत्पादों की खरीदारी करें और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद उठाएं।
