फर्जी नाम हटाना दहशत नहीं सुधार है, इससे लोकतंत्र मजबूत होगा– केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल
केंद्रीय मंत्री और अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने वाराणसी में मंगलवार को मतदाता सूची संशोधन और सत्यापन प्रक्रिया (SIR) को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को मतदाता सूची में सुधार और संशोधन का पूरा संवैधानिक अधिकार है, ताकि देशभर में निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित हो सकें।
अनुप्रिया पटेल ने कहा, चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है, और उसे मतदाता सूची में आवश्यक सुधार करने का अधिकार प्राप्त है। फर्जी मतदाताओं के नाम हटाना कोई विवादास्पद कदम नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक अहम प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया हर चुनाव से पहले होती है, ताकि केवल पात्र नागरिकों के नाम ही मतदाता सूची में शामिल रहें और कोई भी व्यक्ति अपने मताधिकार से वंचित न रहे।
कोई दहशत नहीं फैलाई जा रही
डिंपल यादव द्वारा SIR प्रक्रिया को लेकर दिए गए दहशत फैलाने वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए अनुप्रिया पटेल ने कहा, कोई दहशत नहीं फैलाई जा रही है। यह सिर्फ फर्जी मतदाताओं को हटाने की प्रक्रिया है, जिससे लोकतंत्र और मजबूत होगा। चुनाव आयोग पूर्ण पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ काम कर रहा है।
गलती से हटे नामों को सुधारने का पूरा मौका
अनुप्रिया पटेल ने कहा इस प्रक्रिया को लेकर किसी को भ्रमित नहीं होना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर किसी का नाम गलती से हट गया है, तो सुधार के लिए पूरा अवसर दिया जाता है। इस प्रक्रिया से किसी वर्ग या समुदाय को नुकसान पहुंचाने का कोई उद्देश्य नहीं है। यह केवल यह सुनिश्चित करने के लिए है कि सही और पात्र मतदाता ही वोट डाल सके।
