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महिलाओं पर विवादित बयान: नीतीश, संजय निषाद और गिरिराज के खिलाफ वाराणसी में प्रदर्शन

वाराणसी में समाजवादी महिला सभा ने महिला सम्मान से जुड़े विवादित बयानों के खिलाफ प्रदर्शन किया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, यूपी मंत्री संजय निषाद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की बर्खास्तगी की मांग की गई। महिला सभा ने इसे महिलाओं की गरिमा पर हमला बताया।

 
समाजवादी महिला सभा
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वाराणसी: महिलाओं के खिलाफ कथित आपत्तिजनक बयानबाज़ी को लेकर मंगलवार को समाजवादी महिला सभा ने वाराणसी में जोरदार प्रदर्शन किया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री संजय निषाद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए संगठन ने उन्हें तत्काल पद से हटाने की मांग की।

प्रदेश अध्यक्ष रीबू श्रीवास्तव के नेतृत्व में महिला सभा की कार्यकर्ता जिला मुख्यालय पहुंचीं, जहां उन्होंने राष्ट्रपति और राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन अपर जिलाधिकारी नगर को सौंपा। प्रदर्शन के दौरान महिला सम्मान के समर्थन में जमकर नारेबाजी की गई।

रीबू श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि हाल ही में बिहार में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक महिला के नकाब पर हाथ लगाने की घटना निंदनीय और शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि इस गंभीर मामले पर केंद्र सरकार और राष्ट्रपति को स्वतः संज्ञान लेना चाहिए था।

महिला सभा का कहना है कि इस घटना के समर्थन में उत्तर प्रदेश के मंत्री संजय निषाद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह द्वारा दिए गए बयान महिलाओं के सम्मान के खिलाफ हैं और यह सत्ता में बैठे लोगों की दूषित मानसिकता को उजागर करते हैं।

रीबू श्रीवास्तव ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “हिजाब हो या दुपट्टा, किसी महिला के वस्त्र पर बिना सहमति हाथ लगाना उसकी गरिमा पर सीधा हमला है और यह एक गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।”
उन्होंने कहा कि महिला सम्मान केवल भाषणों का विषय नहीं, बल्कि आचरण से सिद्ध होना चाहिए। महिला सभा ने आरोप लगाया कि धर्म और मर्यादा की राजनीति करने वाले लोग महिलाओं के सम्मान के मुद्दे पर पूरी तरह बेनकाब हो चुके हैं। संगठन ने चेतावनी दी कि ऐसे कृत्यों को सही ठहराने वाले लोग अपराधियों से भी बड़े दोषी हैं।

ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई कि महिला विरोधी बयान देने वालों और उन्हें संरक्षण देने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। महिला सभा ने दो टूक कहा कि महिला सम्मान कोई एहसान नहीं, बल्कि हर महिला का संवैधानिक अधिकार है, और इसके लिए संघर्ष जारी रहेगा।