UPSRLM की महिलाएं बनीं आत्मनिर्भर भारत की नई पहचान, वाराणसी में सफलतापूर्वक पूरे हुए 10 वर्ष
Varanasi : उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (UPSRLM) के तहत वाराणसी की ग्रामीण महिलाएं अब आत्मनिर्भर भारत की मजबूत स्तंभ बन चुकी हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में महिलाओं को स्वावलंबी बनाने का संकल्प तेजी से सिद्ध हो रहा है। बीते 10 वर्षों में स्वयं सहायता समूहों (SHG) के माध्यम से वाराणसी में 1.38 लाख महिलाओं को उनके पैरों पर खड़ा किया गया है।
UPSRLM मिशन की 10वीं वर्षगांठ के मौके पर वाराणसी में आयोजित समीक्षा कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने बताया कि UPSRLM मिशन के प्रारंभिक चरण में सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ी महिलाओं की पहचान कर उन्हें SHG से जोड़ा गया। आज जिले में 11,000 से अधिक समूह कार्यरत हैं, जिन्हें 840 ग्राम संगठन और 32 संकुल संगठन से जोड़ा गया है। इन समूहों को रिवॉल्विंग फंड, सामुदायिक निवेश निधि, और आजीविका निधि के जरिए वित्तीय मदद दी गई है।
इन महिलाओं ने डेयरी, कृषि, ड्रोन संचालन, बिजली सखी, सेवा क्षेत्र, मार्केटिंग आदि में अपनी भागीदारी दर्ज कराई है। यह बदलाव न केवल आर्थिक सशक्तिकरण का उदाहरण है, बल्कि सामाजिक परिवर्तन का प्रतीक भी बन चुका है।
उपायुक्त स्वतः रोजगार पवन कुमार सिंह के अनुसार जिले के हर विकासखंड में प्रेरणा मार्ट की स्थापना की गई है, जिनकी संख्या 32 है और औसत मासिक बिक्री ₹50,000 तक पहुंच चुकी है। वहीं जनपद स्तर पर स्थापित आकांक्षा मार्ट की मासिक बिक्री ₹1.5 लाख तक पहुंच गई है। इन मार्ट्स में पूजा सामग्री, वाराणसी साड़ी, हर्बल साबुन, मसाले, जूट बैग, गोबर पेंट जैसे उत्पाद उपलब्ध हैं – जिनका निर्माण SHG की महिलाएं ही करती हैं।
महिलाओं के बनाए उत्पाद अब फ्लिपकार्ट और GeM पोर्टल जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर भी बेचे जा रहे हैं। इससे स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय पहचान मिल रही है और "वोकल फॉर लोकल" अभियान को नई ऊर्जा।
जिला UPSRLM मिशन प्रबंधक श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि SHG की महिलाओं को ब्रांडिंग, पैकेजिंग, लेबलिंग और डिजिटल मार्केटिंग की भी ट्रेनिंग दी जा रही है, ताकि वे प्रतिस्पर्धात्मक बाजार में टिक सकें।
यह पहल वाराणसी की महिलाओं के आत्मसम्मान, आर्थिक मजबूती और सामाजिक सशक्तिकरण का सशक्त उदाहरण बन चुकी है। मुख्यमंत्री योगी और प्रधानमंत्री मोदी के “स्वदेशी” और “वोकल फॉर लोकल” के आह्वान को यह UPSRLM मिशन जमीनी स्तर पर सफल बना रहा है।
