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Varanasi: 144 यात्रियों को लेकर अबू धाबी से काठमांडू जा रही फ्लाइट वाराणसी डायवर्ट, यात्रियों को वापस भेजने की तैयारी

 
Varanasi: 144 यात्रियों को लेकर अबू धाबी से काठमांडू जा रही फ्लाइट वाराणसी डायवर्ट, यात्रियों को वापस भेजने की तैयारी
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Varanasi: नेपाल में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ जनरेशन-जेड युवाओं के हिंसक प्रदर्शनों से हालात बिगड़ गए हैं। काठमांडू एयरपोर्ट पूरी तरह बंद हो चुका है और सड़कों पर आगजनी व पथराव का दौर जारी है। इस अशांति का असर हवाई यातायात पर भी पड़ने लगा है। मंगलवार को अबू धाबी से काठमांडू जा रही एयर अरबिया एयरलाइंस की फ्लाइट संख्या 3एल-43 को काठमांडू पहुंचने से पहले वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर डायवर्ट कर दिया गया।

फ्लाइट में कुल 144 यात्री सवार थे। नेपाल के मौजूदा हालातों की जानकारी मिलने के बाद पायलट ने Varanasi एयरपोर्ट के एटीसी से संपर्क कर इमरजेंसी लैंडिंग की अनुमति मांगी। अनुमति मिलते ही दोपहर 3:20 बजे विमान की सुरक्षित लैंडिंग हो गई। लैंडिंग के बाद सभी यात्री विमान में ही सुरक्षित बैठे रहे और उन्हें बाहर नहीं उतारा गया।

बताया जा रहा है कि नेपाल में हिंसा के कारण काठमांडू एयरपोर्ट पर उड़ानें पूरी तरह रद्द हैं, जिसके चलते फ्लाइट को अब Varanasi से सीधे अबू धाबी वापस लौटाने की तैयारी की जा रही है। शाम तक विमान को अबू धाबी के लिए रवाना कर दिया जाएगा। इस घटना से यात्रियों को काफी परेशानी हुई है, लेकिन सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया।

उधर, नेपाल में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ शुरू हुए प्रदर्शन अब भ्रष्टाचार, आर्थिक मंदी और वृद्ध नेतृत्व के खिलाफ उग्र हो चुके हैं। फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, यूट्यूब और एक्स समेत 26 प्लेटफॉर्म्स पर 4 सितंबर से लगे बैन के कारण युवा सड़कों पर उतर आए। काठमांडू में संसद भवन पर हमला, पीएम केपी शर्मा ओली के घर में आगजनी जैसी घटनाएं हुईं। हिंसा में 19 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 300 से ज्यादा घायल हैं। सरकार ने कई शहरों में कर्फ्यू लगा दिया है और सेना तैनात कर दी है।

प्रदर्शनों के दबाव में नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया प्रतिबंध हटा लिया है, लेकिन हालात अभी भी बेकाबू हैं। काठमांडू एयरपोर्ट पर इंडिगो एयरलाइंस की दो उड़ानें भी वापस लौट चुकी हैं। भारत ने भी नेपाल सीमा पर सतर्कता बरतते हुए कुछ इलाकों में बॉर्डर चेक बढ़ा दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह जनरेशन-जेड क्रांति नेपाल की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकती है।