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Varanasi : हाइड्रोजन जलयान की नाव से टक्कर, दो लाख का नुकसान, नाविक पर FIR

 
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वाराणसी। गंगा नदी पर संचालित देश का पहला हाइड्रोजन से चलने वाला आधुनिक जलयान मंगलवार को हादसे का शिकार हो गया। यह घटना राजघाट और प्रह्लाद घाट के बीच उस समय हुई, जब एक चप्पू नाव ने जलयान को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी तेज थी कि जलयान के हाइड्रोजन रिफ्यूलिंग सेंसर में तकनीकी खराबी आ गई और उसका बाहरी कवर भी क्षतिग्रस्त हो गया।

हादसे के तुरंत बाद सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए चालक ने जलयान को राजघाट के पास रोक दिया। घटना की जानकारी मिलते ही संबंधित विभागों में हड़कंप मच गया।

तकनीकी खराबी के बाद जांच

भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) वाराणसी के निदेशक संजीव शर्मा ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि टक्कर मंगलवार दोपहर करीब तीन बजे दशाश्वमेध घाट के पास हुई थी। उन्होंने बताया कि हादसे में जलयान की बॉडी को नुकसान पहुंचा और सेंसर टूटने के कारण तकनीकी जांच आवश्यक हो गई।

बुधवार सुबह से ही मरम्मत का काम शुरू कर दिया गया। करीब 3:45 बजे तकनीकी टीम ने सभी जरूरी जांच और मरम्मत पूरी करने के बाद जलयान को दोबारा परिचालन के लिए हरी झंडी दे दी। इसके बाद जलयान नमो घाट से पुनः रवाना किया गया।

करीब दो लाख रुपये के नुकसान का अनुमान

IWAI निदेशक के अनुसार, इस हादसे में लगभग दो लाख रुपये के नुकसान का अनुमान है। राहत की बात यह रही कि घटना के समय किसी भी यात्री या कर्मी को कोई चोट नहीं आई।

आदमपुर थाने में दर्ज हुआ केस

हाइड्रोजन जलयान से नाव की टक्कर के मामले में आदमपुर थाने में केस दर्ज किया गया है। जलयान की संचालनकर्ता कंपनी जलसा क्रूज लाइन के प्रबंधक विभूतिपति तिवारी की तहरीर पर पुलिस ने कार्रवाई की।
आदमपुर थाने के इंस्पेक्टर विमल मिश्रा ने बताया कि घटनास्थल दशाश्वमेध घाट क्षेत्र का है। तहरीर आदमपुर थाने में मिलने के कारण मोबाइल नंबर के आधार पर केस दर्ज किया गया है, जिसे बाद में दशाश्वमेध थाने में स्थानांतरित किया जाएगा। जांच के दौरान शरद साहनी नामक बोट मालिक से भी संपर्क किया गया है।

नमो घाट से रोजाना दो फेरे लगा रहा है जलयान

कोच्चि शिपयार्ड में निर्मित यह हाइड्रोजन जलयान करीब 10 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। यह 50 सीटर क्रूज स्वदेशी तकनीक और भारत की हरित ऊर्जा क्षमता का प्रतीक माना जा रहा है। बैकअप के तौर पर इसमें इलेक्ट्रिक बैटरी सिस्टम भी मौजूद है। सभी जरूरी विभागों से सेफ्टी सर्टिफिकेट मिलने के बाद इसे यात्रियों के लिए पूरी तरह सुरक्षित घोषित किया गया है। फिलहाल यह जलयान नमो घाट से रोजाना दो फेरे लगा रहा है।

अब तक 350 पर्यटकों ने किया गंगा विहार

इस जलयान का शुभारंभ 11 दिसंबर को नमो घाट से केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने किया था। 13 दिसंबर से नमो घाट से रविदास घाट तक इसका नियमित संचालन शुरू हुआ।
अब तक सात फेरे पूरे कर चुके इस क्रूज से लगभग 350 पर्यटक गंगा विहार का आनंद ले चुके हैं। जलयान का किराया 800 रुपये प्रति व्यक्ति तय है और इसकी ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों माध्यमों से बुकिंग की सुविधा उपलब्ध है।