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Zepto फ्रेंचाइजी के नाम पर ₹20 लाख की साइबर ठगी, गिरोह का सरगना समेत 2 गिरफ्तार

Zepto franchisee Cyber ​​fraudवाराणसी पुलिस की साइबर क्राइम टीम ने Zepto और अन्य कंपनियों के नाम पर फ्रेंचाइज़ी ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया। झारखंड और बिहार से दो आरोपियों को गिरफ्तार कर ₹54,500 नकद, लैपटॉप, मोबाइल और फर्जी दस्तावेज बरामद किए गए। गैंग ने लोगों से 20 लाख रुपये की ठगी की थी।

 
Zepto franchisee Cyber ​​fraud
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Zepto franchisee Cyber ​​fraud: वाराणसी पुलिस की साइबर क्राइम टीम ने एक बड़े ठगी गैंग का पर्दाफाश किया है, जो मशहूर कंपनियों के फ्रेंचाइज़ी के नाम पर लोगों से लाखों रुपये की ठगी कर रहा था। टीम ने झारखंड के जमशेदपुर और बिहार के नालंदा से गैंग के सरगना समेत दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 14 मोबाइल, 2 लैपटॉप, 3 सिम कार्ड, फर्जी दस्तावेज, 2 वाई-फाई राउटर और ₹54,500 नकद बरामद हुए हैं।

सोशल मीडिया पर चलाते थे फर्जी विज्ञापन

गिरोह के सदस्यों ने Zepto, Blinkit, Amul Dairy, Dhani Finance, Zudio जैसी नामी कंपनियों के फर्जी वेबसाइट और एड बनाए हुए थे। ये लोग इन विज्ञापनों को Meta और Google जैसे प्लेटफॉर्म पर चलाते थे। जब कोई व्यक्ति इन कंपनियों के नाम से कुछ सर्च करता था, तो सबसे पहले इन्हीं की वेबसाइट दिखाई देती थी।

ऐसे फंसाते थे शिकार

लोग झांसे में आकर इनकी फेक वेबसाइट पर जाकर अपनी जानकारी भर देते थे। डेटा सीधे ठगों तक पहुंच जाता था। इसके बाद ये लोग खुद को कंपनी का अधिकारी बताकर पीड़ित को फोन करते थे। फर्जी इंटेंट लेटर, रजिस्ट्रेशन फॉर्म और इनवॉइस भेजकर भरोसा जीत लेते थे। फिर रजिस्ट्रेशन फीस, सिक्योरिटी मनी और अन्य शुल्क के नाम पर पैसे ऐंठ लेते थे।

रोहनिया निवासी आयुष कुमार भी इन ठगों के झांसे में आ गए। ठगों ने फ्रेंचाइज़ी के नाम पर पीड़ित से 20 लाख रुपये  की साइबर ठगी कर ली। जब पीड़ित को ठगी का एहसास हुआ था, तो 13 अगस्त 2025 को उन्होंने साइबर क्राइम में शिकायत की, जिसके बाद पुलिस ने सर्विलांस और डिजिटल फुटप्रिंट की मदद से दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। 

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान शातनु कुमार जो इस गैंग का सरगना भी है, निवासी जमशेदपुर, झारखंड, मूल रूप से नवादा, बिहार का रहने वाला। दूसरा आरोपी विकास कुमार, निवासी नवादा, बिहार पहले भी महाराष्ट्र में साइबर ठगी के मामले में जेल जा चुका है।

साइबर टीम ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और डिजिटल फूटप्रिंट के जरिए गिरोह का पता लगाया। दोनों आरोपियों को अलग-अलग राज्यों से पकड़ा गया। पुलिस अब इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की भी तलाश कर रही है। 

गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक गोपालजी कुशवाहा, इंस्पेक्टर राकेश कुमार गौतम, सब इंस्कपेक्टर संजीव कनौजिया, सब इंस्पेक्टर शैलेंद्र कुमार, सब इंस्पेक्टर विवेक सिह, सीनियर सब इंस्पेक्टर गौरव तोमर, हेड कांस्टेबल रजनीकांत, हेड कांस्टेबल गौतम कुमार, हेड कांस्टेबल विजय कुमार समेत अन्य पुलिसकर्मियों ने मुख्य भूमिका निभाई।