Varanasi Ropeway : 40 मिनट की दूरी 16 मिनट में होगी पूरी, अक्टूबर तक शुरू होगा रोपवे, जानें कितना होगा किराया
Varanasi Ropeway : वाराणसी में बन रही देश की पहली रोपवे अर्बन ट्रांसपोर्ट परियोजना (Varanasi Ropeway) का काम तेजी से चल रहा है, जो अब अपने अंतिम चरण में है। कार्यदायी संस्था नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड (NHLML) के अधिकारियों ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भरोसा दिलाया कि पहला चरण तय समय पर पूरा कर दिया जाएगा।
Varanasi Ropeway : अक्टूबर के पहले सप्ताह तक यात्रियों के लिए खोला जाएगा
अधिकारियों का कहना है कि इस परियोजना से कैंट से रथयात्रा तक सफर आसान होगा और पर्यटकों को काशी दर्शन में बड़ी सुविधा मिलेगी। योजना है कि 30 सितंबर तक कैंट से रथयात्रा के बीच का पहला चरण पूरा कर दिया जाए और अक्टूबर के पहले सप्ताह में इसे यात्रियों के लिए खोल दिया जाए। विद्यापीठ और रथयात्रा स्टेशन पूरी तरह तैयार हो चुके हैं, जबकि कैंट स्टेशन पर अंतिम काम तेजी से चल रहा है।
गोंडोला का परीक्षण और सुरक्षा जांच
इंजीनियरों ने जुलाई से ही 90 मोनो केबल डिटेचेबल गोंडोलों की मूवमेंट टेस्टिंग शुरू कर दी थी। अब सितंबर के दूसरे सप्ताह में उनकी गति, संतुलन और सुरक्षा मानकों की जांच की जाएगी। 15 सितंबर से गोंडोलों का लोड टेस्ट होगा, जिसमें रेत की बोरियां और पानी की बोतलों से 800 किलो तक का भार डालकर देखा जाएगा। 28 टावरों में लगे 168 सेंसरों की भी जांच जारी है। इसके अलावा, स्विट्जरलैंड से आए विशेषज्ञ सुरक्षा मानकों का मूल्यांकन कर रहे हैं।
जानें कितना होगा किराया
लगभग 807 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना से रोजाना करीब एक लाख लोगों को लाभ मिलेगा। कैंट से गोदौलिया तक की दूरी, जो सड़क मार्ग से 40–45 मिनट में तय होती है, रोपवे (Varanasi Ropeway) से महज 16 मिनट में पूरी हो जाएगी।
- किराया ऑटो रिक्शा के बराबर होगा।
- टिकट के साथ यात्रियों का बीमा भी शामिल होगा।
- हर 1–2 मिनट में गोंडोला उपलब्ध रहेगा।
- प्रतिदिन 16 घंटे तक संचालन होगा।
- स्टेशनों और गोंडोलों के डिजाइन में काशी की संस्कृति और धरोहर की झलक होगी।
दूसरा चरण दिसंबर तक
मंडलायुक्त एस. राजलिराम ने बताया कि परियोजना को दो चरणों में पूरा किया जाएगा। पहला चरण (कैंट से रथयात्रा) सितंबर तक और दूसरा चरण (रथयात्रा से गोदौलिया) दिसंबर अंत तक पूरा करने का लक्ष्य है। अंतिम संचालन शुरू करने का निर्णय शासन स्तर से लिया जाएगा।
