VDA जोन-5 की लापरवाही पर भड़के विकास प्राधिकरण सचिव, कारण बताओ नोटिस जारी, सितंबर माह का वेतन रोका गया
Varanasi : विकास प्राधिकरण (VDA) की हालिया बैठक में जोन-5 की कार्यप्रणाली को लेकर बड़ा प्रशासनिक कदम उठाया गया। सचिव डॉ. वेद प्रकाश मिश्रा ने जोन-5 में निर्धारित राजस्व लक्ष्य के अनुरूप धनराशि जमा न होने पर गहरी नाराजगी जताई और जोनल अधिकारी व अवर अभियंता को कारण बताओ नोटिस जारी किया। इसके साथ ही VDA जोन-5 के सभी फील्ड अधिकारियों और कर्मचारियों का सितंबर माह का वेतन रोकने का निर्देश भी जारी कर दिया गया।
VDA सचिव ने बैठक में साफ निर्देश दिए कि सितंबर माह के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाए, जिसके अंतर्गत प्रत्येक जोन से कम से कम 10 बड़े भवन मानचित्रों की स्वीकृति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि जोनल अधिकारियों और अभियंताओं को अब सिर्फ बैठकों तक सीमित नहीं रहना है, बल्कि मैदान में उतरकर सक्रिय भूमिका निभानी होगी।
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि अवैध प्लॉटिंग और निर्माण कार्य को प्रारंभिक चरण में ही रोका जाए। इसके लिए प्रभावी प्रवर्तन कार्रवाई आवश्यक है, ताकि अनियमित निर्माण और विक्रय को रोका जा सके। सचिव मिश्रा ने दो टूक कहा कि भविष्य में राजस्व लक्ष्य से कम संग्रह होने पर जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में यह तथ्य भी सामने आया कि अब तक कुल केवल 10 मानचित्र ही स्वीकृत हुए हैं, जो निर्धारित लक्ष्य की तुलना में बेहद कम है। इनमें जोन-3 में 8, जोन-4 में 1 और जोन-5 में केवल 1 मानचित्र की स्वीकृति हुई है। यह स्थिति स्पष्ट करती है कि फील्ड स्तर पर अधिकारियों की सक्रियता में भारी कमी है।
सचिव ने आईजीआरएस पोर्टल पर आने वाली शिकायतों को गंभीरता से लेने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि अवर अभियंता स्वयं शिकायतकर्ताओं से संपर्क कर उनकी समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करें। यह प्रशासन की जनउत्तरदायी प्रणाली को मजबूत करने के लिए आवश्यक है।
बैठक में जानकारी दी गई कि शमन शुल्क के रूप में अब तक ₹3.34 करोड़ (₹3,34,73,850) VDA कोष में जमा कराए जा चुके हैं। इसके बावजूद मानचित्र स्वीकृति की संख्या निराशाजनक रही है, जिससे साफ संकेत मिलता है कि कुछ जोनों में लापरवाही और शिथिलता व्याप्त है।
VDA की यह सख्ती उन अधिकारियों के लिए चेतावनी है जो निर्धारित लक्ष्यों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। सचिव मिश्रा का यह रुख स्पष्ट करता है कि अब लापरवाही और निष्क्रियता को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
