टेली कॉलिंग जॉब स्कैम: वाराणसी में फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, नौकरी देने के नाम पर करते थे ठगी
Updated: Oct 26, 2025, 17:56 IST
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वाराणसी: सारनाथ थाना क्षेत्र में रविवार को डीसीपी प्रमोद कुमार के नेतृत्व में अवैध काल सेंटर पर छापा मारा गया। यहां काल सेंटर के नाम पर टेली कालिंग की नौकरी देने और अन्य तरह की साइबर ठगी की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा था। पुलिस को मौके से 50 लोग मिले, जिसमे से ज्यादातर खुद इस स्कैम के विक्टिम थे। पुलिस ने कुछ लोगों को मौके से गिरफ्तार किया है। वहीं दो मुख्य आरोपी अभी भी फरार हैं।
एसीपी साइबर क्राइम ने बताया कि, भारत सरकार की प्रतिबिंब पोर्टल पर हमें शिकायत मिली थी, सारनाथ क्षेत्र में फेक टेली कालिंग के नाम पर आरआरएमवी नाम से एक काल सेंटर चलाया जा रहा था। ठग टेलीकालिंग के नाम पर बेरोजगार लोगों को जॉब ऑफर करते थें फिर उनसे किट के नाम पर 10 से 50 हजार रुपये ऐंठ लेते थे। इसके बाद पीड़ित लोगों को टेली कालिंग कर के ऐसे ही अन्य लोगों के साथ स्कैम करने के लिए हैरेस किया करते थे।
ठगों पहले टेली कालिंग करते थें, फिर बेराजोगार युवक युवतियों को इकट्ठा कर के लोगों को काल कर के उनको जॉब देने के नाम पर पैसे ऐंठते थे। इसी तरह ये अपना नेटवर्क बनाते थे, छापामारी के दौरान मौके से 50 के आसपास लोग मिले, जिसमें ज्यादातर खुद विक्टिम हैं।
एसीपी साइबर क्राइम ने बतााया कि इस पूरे रैकेट के दो मुख्य आरोपी रवि और रविंद्रन अभी फरार हैं। विक्टिम्स में ज्यादार युवक - युवती बेरोजगार हैं और अन्य शहर के हैं, जिसमें बलिया, बिहार जौनपुर और आसपास के शहर के युवक - युवती शामिल हैं। पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है, और इस रैकेट में कितने लोग शामिल हैं उनके नाम निकाल रही है। पीड़ितों के भी बयान लिए गए हैं, उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
एसीपी साइबर क्राइम ने बताया कि, भारत सरकार की प्रतिबिंब पोर्टल पर हमें शिकायत मिली थी, सारनाथ क्षेत्र में फेक टेली कालिंग के नाम पर आरआरएमवी नाम से एक काल सेंटर चलाया जा रहा था। ठग टेलीकालिंग के नाम पर बेरोजगार लोगों को जॉब ऑफर करते थें फिर उनसे किट के नाम पर 10 से 50 हजार रुपये ऐंठ लेते थे। इसके बाद पीड़ित लोगों को टेली कालिंग कर के ऐसे ही अन्य लोगों के साथ स्कैम करने के लिए हैरेस किया करते थे।
ठगों पहले टेली कालिंग करते थें, फिर बेराजोगार युवक युवतियों को इकट्ठा कर के लोगों को काल कर के उनको जॉब देने के नाम पर पैसे ऐंठते थे। इसी तरह ये अपना नेटवर्क बनाते थे, छापामारी के दौरान मौके से 50 के आसपास लोग मिले, जिसमें ज्यादातर खुद विक्टिम हैं।
एसीपी साइबर क्राइम ने बतााया कि इस पूरे रैकेट के दो मुख्य आरोपी रवि और रविंद्रन अभी फरार हैं। विक्टिम्स में ज्यादार युवक - युवती बेरोजगार हैं और अन्य शहर के हैं, जिसमें बलिया, बिहार जौनपुर और आसपास के शहर के युवक - युवती शामिल हैं। पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है, और इस रैकेट में कितने लोग शामिल हैं उनके नाम निकाल रही है। पीड़ितों के भी बयान लिए गए हैं, उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
