दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका, कई विधायकों ने दिया इस्तीफा

दिल्ली विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही आम आदमी पार्टी में एक के बाद एक इस्तीफों का सिलसिला शुरू हो गया है। शुक्रवार को एक ही दिन में पार्टी के सात विधायकों ने इस्तीफा दे दिया। इनमें त्रिलोकपुरी से विधायक रोहित कुमार, महरौली से विधायक नरेश यादव, कस्तूरबानगर से विधायक मदन लाल, पालम से विधायक भावना गौड़ और जनकपुरी से विधायक राजेश ऋषि शामिल हैं। इन सभी ने पार्टी से बाहर जाने का फैसला किया, खासकर तब जब पार्टी ने इनका टिकट काट दिया था।

टिकट कटने के कारण हुए इस्तीफे

इस्तीफा देने वाले इन विधायकों में से कुछ का टिकट इस बार के विधानसभा चुनाव में काट दिया गया था, जिससे ये विधायक नाराज चल रहे थे। इसके अलावा, बिजवासन से बीएस जून और आदर्श नगर से पवन शर्मा ने भी इस्तीफा दे दिया, दोनों का भी टिकट काटा गया था। इन सभी विधायकों ने इस्तीफा देने का कारण पार्टी द्वारा किए गए इस फैसले को बताया।

विधायकों द्वारा लगाए गए गंभीर आरोप

  1. रोहित कुमार का आरोप:
    रोहित कुमार ने अपने इस्तीफे में अरविंद केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि, “मेरे समाज ने एकतरफा आपके समर्थन में दिल्ली में तीन बार पार्टी की सरकार बनाई, लेकिन न तो ठेकेदारी प्रथा खत्म हुई, न ही कच्ची नौकरी करने वालों को स्थायी किया गया। मेरे समाज को सिर्फ वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया गया।”
  2. भावना गौड़ की शिकायत:
    पालम से विधायक भावना गौड़ ने भी इस्तीफे में कहा, “मैं आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देती हूं। अब मुझे पार्टी में विश्वास नहीं रहा।”

3.मदन लाल का आभार और इस्तीफा:
कस्तूरबा नगर से विधायक मदन लाल ने विधानसभा स्पीकर को लिखी चिट्ठी में कहा, “मैंने दिल्ली विधानसभा की सदस्यता त्यागने का निर्णय लिया है और इसके दौरान मिले सहयोग के लिए आभार व्यक्त करता हूं।”

  1. राजेश ऋषि का आरोप:

जनकपुरी से विधायक राजेश ऋषि ने पार्टी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और इस्तीफे में लिखा, “अन्ना आंदोलन से जन्मी पार्टी अब भ्रष्टाचार में लिप्त हो गई है, और मैं इस दुख के साथ इस्तीफा दे रहा हूं।”

  1. नरेश यादव की आलोचना:
    महरौली से विधायक नरेश यादव ने कहा, “मैंने ईमानदारी की राजनीति के लिए पार्टी जॉइन की थी, लेकिन अब पार्टी में कहीं भी ईमानदारी नजर नहीं आ रही। मैंने महरौली में पूरी ईमानदारी से काम किया, लेकिन पार्टी भ्रष्टाचार में डूब चुकी है।”

इन सभी इस्तीफों ने आम आदमी पार्टी के भीतर असंतोष की स्थिति को उजागर किया है और पार्टी के लिए आगामी विधानसभा चुनाव में चुनौती पेश की है।

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