लोकसभा में ई-सिगरेट पर हंगामा! क्या ये सच में है सिगरेट जितनी खतरनाक?
भारत की संसद को हमेशा से देश का सबसे प्रतिष्ठित संस्थान माना जाता है, जहां उठने वाला हर मुद्दा सीधे जनता से जुड़ा होता है, लेकिन लोकसभा के शीतकालीन सत्र में उस समय हंगामा मच गया, जब सदन में ई-सिगरेट उपयोग का आरोप सामने आया। बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने कार्यवाही के दौरान यह दावा किया कि एक टीएमसी सांसद सदन के भीतर ई-सिगरेट का इस्तेमाल कर रहे थे। हालांकि उन्होंने नाम नहीं लिया, पर संकेत साफ थे।
यह आरोप लगते ही सदन में भारी हंगामा शुरू हो गया। स्पीकर ने स्पष्ट कहा कि सदन में ई-सिगरेट, धूम्रपान या किसी भी प्रतिबंधित वस्तु का उपयोग बिल्कुल वर्जित है। अगर जांच में आरोप सही पाए गए तो कार्रवाई निश्चित रूप से होगी। इस घटना ने एक बार फिर देशभर में बहस छेड़ दी है कि आखिर ई-सिगरेट क्या है, और जब भारत में यह पूरी तरह प्रतिबंधित है, तो यह मुद्दा इतना गंभीर क्यों है?
ई-सिगरेट क्या होती है?
ई-सिगरेट एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जिसे ENDS – इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन डिलीवरी सिस्टम भी कहा जाता है। इसमें तंबाकू नहीं जलता, बल्कि लिक्विड निकोटीन को गर्म कर भाप बनाई जाती है, जिसे यूजर सांस के साथ अंदर लेता है। यह भाप निकोटीन और कई तरह के केमिकल से भरी होती है।
यह कई डिज़ाइनों में आती है- जैसे पेन जैसी डिवाइस, USB जैसी या बिल्कुल सिगरेट/सिगार जैसी।
ई-सिगरेट कैसे काम करती है?
ई-सिगरेट के अंदर तीन मुख्य हिस्से होते हैं:
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बैटरी
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हीटिंग कॉइल
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निकोटीन/फ्लेवर लिक्विड
डिवाइस ऑन होने पर बैटरी इस लिक्विड को गर्म कर धुएं की जगह भाप बनाती है, जिसे लोग अंदर खींचते हैं। भले ही यह धुआं नहीं बनाती, लेकिन इसमें मौजूद केमिकल और निकोटीन शरीर के लिए उतने ही हानिकारक होते हैं जितने सामान्य सिगरेट में पाए जाते हैं।
भारत में ई-सिगरेट क्यों बैन है?
भारत सरकार ने 2019 में 'इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट निषेध अधिनियम' लागू कर ई-सिगरेट पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया। प्रतिबंध का कारण यह था कि देश के युवा इसे सेफ और मॉडर्न विकल्प समझकर तेजी से इसकी लत का शिकार हो रहे थे।
कानून के तहत:
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ई-सिगरेट का उत्पादन, बिक्री, विज्ञापन, आयात-निर्यात और भंडारण पूरी तरह अवैध है।
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पहली बार पकड़े जाने पर:
1 साल जेल + 1 लाख रुपये जुर्माना -
दोबारा पकड़े जाने पर:
3 साल जेल + 5 लाख रुपये जुर्माना -
केवल स्टोर करने पर:
6 महीने जेल + 50,000 रुपये जुर्माना
क्या ई-सिगरेट सामान्य सिगरेट से कम हानिकारक है?
बहुत से लोग मानते हैं कि ई-सिगरेट कम नुकसानदायक होती है, लेकिन विशेषज्ञ और WHO दोनों ही इसे गलत मानते हैं।
WHO के अनुसार ई सिगरेट:
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दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ाती है
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निकोटीन की तीव्र लत लगाती है
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गर्भवती महिलाओं व भ्रूण पर गंभीर प्रभाव डालती है
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लंबे समय में कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं पैदा करती है
इसलिए इसे आम सिगरेट के बराबर ही खतरनाक माना जाता है।
लोकसभा में ई-सिगरेट के कथित उपयोग का मामला अब जांच के दायरे में है। संसद की गरिमा को देखते हुए यह मामला बेहद गंभीर माना जा रहा है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि संबंधित सांसद के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है और यह विवाद आगे क्या मोड़ लेता है।
