Evening Court : शाम के कोर्ट से न्यायिक प्रक्रिया की विश्वसनीयता खतरे में – वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव

Varanasi : उच्च न्यायालय द्वारा प्रस्तावित सांध्यकालीन न्यायालय (Evening Court) व्यवस्था को लेकर अधिवक्ता समाज में व्यापक असंतोष पनप रहा है। बनारस बार एसोसिएशन (Banaras Bar Association) के पूर्व उपाध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव ने इसे पूर्णतया अव्यवहारिक और तर्कहीन निर्णय करार दिया है।

Evening Court : शाम के कोर्ट से न्यायिक प्रक्रिया की विश्वसनीयता खतरे में - वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव Evening Court : शाम के कोर्ट से न्यायिक प्रक्रिया की विश्वसनीयता खतरे में - वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव

उन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं का कार्य समय सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक होता है और उसके बाद 5 से 9 बजे तक फिर से न्यायिक प्रक्रिया में भाग लेना उनके लिए शारीरिक, मानसिक और व्यावसायिक दृष्टि से असंभव है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि अगर अधिवक्ता पूरा दिन कोर्ट में रहेगा, तो अपने मुकदमों की तैयारी कब करेगा।

अनुज यादव ने कहा कि यह निर्णय वादकारियों (plaintiffs) के लिए भी कष्टकारी सिद्ध होगा। मुकदमों की संख्या में वृद्धि के लिए अधिवक्ताओं को जिम्मेदार ठहराना गलत है। इसके लिए न्यायालय व्यवस्था में सुधार और न्यायाधीशों की संख्या में वृद्धि की आवश्यकता है, न कि अधिवक्ताओं पर अतिरिक्त कार्य का बोझ डालने की।

Evening Court : शाम के कोर्ट से न्यायिक प्रक्रिया की विश्वसनीयता खतरे में - वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव Evening Court : शाम के कोर्ट से न्यायिक प्रक्रिया की विश्वसनीयता खतरे में - वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव

रात के समय न्यायालय संचालन से महिला अधिवक्ताओं और दूरदराज़ से आने वाले वकीलों व वादकारियों की सुरक्षा व्यवस्था भी एक बड़ा सवाल बनेगी। वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि यह निर्णय न केवल न्यायिक गुणवत्ता पर असर डालेगा बल्कि न्यायिक प्रक्रिया की विश्वसनीयता को भी चुनौती देगा।

वर्तमान न्यायालयों में जजों और मजिस्ट्रेट्स की संख्या बढ़ाई जाए। दिन में ही मुकदमों का शीघ्र निपटारा सुनिश्चित किया जाए। अधिवक्ताओं को मानव संसाधन के रूप में सम्मान देते हुए उनकी कार्यक्षमता का दोहन विवेकपूर्वक किया जाए।

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