वाराणसी I महमूरगंज स्थित ऐतिहासिक धार्मिक स्थल Ganesh Gaibi पर इस सप्ताह की साप्ताहिक भजन संध्या का आयोजन भक्तिभाव और श्रद्धा से परिपूर्ण वातावरण में किया गया। यह आयोजन RK Netralaya के निदेशक डॉ. आर.के. ओझा द्वारा प्रेरित सांस्कृतिक पहल का हिस्सा है जिसका उद्देश्य वाराणसी की पारंपरिक भक्ति धारा को जीवंत बनाए रखना है।

हालांकि इस बार डॉ. आर.के. ओझा स्वयं कार्यक्रम में उपस्थित नहीं रह सके परंतु RK Netralaya के कई स्टाफ सदस्य आयोजन में सम्मिलित होकर श्रद्धालुओं के साथ भावपूर्ण वातावरण में शामिल हुए। Ganesh Gaibi पर यह आयोजन न केवल भजन-संगीत का मंच है बल्कि सामाजिक एकता और आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र भी बनता जा रहा है।

इस साप्ताहिक संध्या में कुल 6 से अधिक भजनों की प्रस्तुति हुई। कार्यक्रम की शुरुआत गाइए गणपति जगवंदन से हुई जिसके बाद चैता देवी जागरण, जैब माई के मंदिरवा हो, पायो जी मैंने राम रतन धन पायो, नगरी हो अयोध्या सी रघुकुल सा घराना हो और मेरी झोपड़ी भाग आज खुल जाएंगे जैसे आध्यात्मिक गीतों ने समस्त वातावरण को भक्ति से भर दिया। Ganesh Gaibi परिसर इन स्वर-लहरियों से गूंज उठा।

भजन संध्या में अपनी प्रस्तुतियों से सबको मंत्रमुग्ध करने वाले कलाकारों में प्रमुख रूप से गायक राजनीश कुमार पांडेय और डॉ. सी.के. पांडेय का नाम सामने आया। तबला पर अरुण कुमार पांडेय, हारमोनियम पर मोतिलाल और संगीत निर्देशन में पं. बाबूलाल चौबे की उपस्थिति ने संगीतमय माहौल को परिपूर्ण बना दिया। Ganesh Gaibi जैसे स्थान पर ऐसे कलाकारों की प्रस्तुति श्रद्धालुओं के लिए एक अलौकिक अनुभव बन गई।

यह आयोजन केवल संगीत का नहीं बल्कि वाराणसी की धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं को अगली पीढ़ियों तक पहुँचाने का माध्यम भी है। Ganesh Gaibi पर लगातार हो रहे ऐसे आयोजनों को लेकर RK Netralaya परिवार विशेष रूप से सक्रिय रहता है। डॉ. ओझा के अनुसार, भक्ति संगीत न केवल आत्मा को शुद्ध करता है बल्कि समाज में सांस्कृतिक चेतना भी जगाता है।

कार्यक्रम का समापन गणेश आरती के साथ हुआ जिसमें सभी श्रद्धालुओं ने मिलकर भावपूर्वक आरती गाई। आरती के बाद सभी को प्रसाद वितरित किया गया जिसके साथ यह भावनात्मक संध्या पूर्ण हुई। Ganesh Gaibi पर इस तरह का आयोजन न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से बल्कि समाज को जोड़ने वाले एक सशक्त माध्यम के रूप में उभर रहा है।
