वाराणसी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी-बीएचयू) में सोमवार को 13वां दीक्षांत समारोह आयोजित हुआ। समारोह काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के स्वतंत्रता भवन में आयोजित किया गया, जिसमें विभिन्न पाठ्यक्रमों के 1959 छात्रों को उपाधि प्रदान की गई। इसमें 1060 बीटेक, 319 आईडीडी, 263 एमटेक/एमफार्मा, 49 एमएससी और 253 शोधार्थियों को डॉक्टरेट की डिग्री प्रदान की गई।
इस अवसर पर 60 मेधावी छात्रों को 125 पदक और पुरस्कार वितरित किए गए। बीटेक (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग) की छात्रा भाव्या मल्होत्रा को डाइरेक्टर्स स्वर्ण पदक सहित कुल 12 स्वर्ण, एक रजत पदक और तीन पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। वहीं बीटेक (केमिकल इंजीनियरिंग) के आदित्य कुमार नायक को प्रेसीडेंट्स स्वर्ण पदक के साथ सात स्वर्ण पदक और दो पुरस्कार प्रदान किए गए।
समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मेडल और पुरस्कार वितरित किए। कार्यक्रम में आईआईटी (बीएचयू) के बोर्ड ऑफ गवर्नर के चेयरमैन पद्मश्री डॉ. कोटा हरिनारायन, संस्थान के निदेशक प्रो. अमित पात्रा और कुलसचिव (प्रभार) श्री राजन श्रीवास्तव भी मौजूद रहे। समारोह का संचालन शैक्षणिक कार्य के अधिष्ठाता प्रो. श्याम बिहारी द्विवेदी ने किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मालवीय जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण, दीप प्रज्वलन, वैदिक मंत्रोच्चार और कुलगीत से हुआ। निदेशक प्रो. अमित पात्रा ने संस्थान की उपलब्धियों की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसके बाद संस्थान ने 8 पूर्व छात्रों को विशिष्ट एलुमिनस/एलुमिना पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया, जिनमें प्रो. अनुज श्रीवास्तव, अनिल के. सचदेव, श्री डी. गोस्वामी, डॉ. वी.के. रैना, डॉ. अवधेश कुमार सिंह, डॉ. हेमा सिंह, डॉ. सुदीप्ता दत्ता और शुभम पालीवाल शामिल रहे।
इस अवसर पर संस्थान के अनुसंधान एवं विकास अधिष्ठाता प्रो. विकास कुमार दूबे, छात्र कार्य अधिष्ठाता प्रो. राजेश कुमार, शैक्षणिक कार्य के एसोसिएट डीन प्रो. अनुराग ओहरी सहित सीनेट के सदस्य, विभागाध्यक्ष, शिक्षक, अधिकारी, छात्र और अभिभावक भी उपस्थित रहे।