IIT BHU और CSIR-CGCRI ने सिरेमिक अनुसंधान के लिए MoU पर हस्ताक्षर किए

वाराणसी I IIT BHU और CSIR-CGCRI (Central Glass and Ceramic Research Institute), कोलकाता ने शनिवार को उन्नत सिरेमिक और संबद्ध तकनीकों में सहयोग को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। इस पहल का उद्देश्य दोनों संस्थानों के बीच वैज्ञानिक अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देना है।

इस MoU पर हस्ताक्षर प्रो. बिक्रमजीत बसु, निदेशक, CSIR-CGCRI और प्रो. अमित पात्रा, निदेशक, IIT BHU ने वरिष्ठ संकाय सदस्यों एवं गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति में किए। समारोह में कई प्रतिष्ठित वैज्ञानिक और शिक्षाविद् मौजूद थे, जिनमें प्रो. एन.के. मुखोपाध्याय, प्रो. एस.के. महतो और प्रो. गौर गोपाल रॉय (IIT खड़गपुर) जैसे नाम शामिल थे।

IIT BHU के सिरेमिक इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अशुतोष कुमार दुबे ने बताया कि इस सहयोग के तहत प्रमुख अनुसंधान क्षेत्र होंगे:

ग्लास एवं ग्लास-सिरेमिक्स

विद्युत एवं इलेक्ट्रॉनिक सिरेमिक्स

संरचनात्मक सिरेमिक्स एवं मिश्रधातुएं

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जल संसाधन प्रबंधन

उच्च तापमान सिरेमिक्स एवं अपवर्तक (Refractories)

सेंसर और झिल्ली तकनीक

ऊर्जा सामग्री एवं उपकरण

जैव सामग्री एवं उपकरण

कार्यात्मक सिरेमिक्स एवं डिवाइसेस

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पतली फिल्म तकनीक

यह सहयोग IIT BHU और CSIR-CGCRI दोनों के लिए नवाचार को प्रोत्साहित करने, उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान को बढ़ावा देने और अगली पीढ़ी के वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को प्रशिक्षित करने का अवसर प्रदान करेगा।

MoU के तहत दोनों संस्थान संयुक्त अनुसंधान परियोजनाएं, व्यावसायिक विकास कार्यक्रम, शैक्षणिक प्रकाशन साझा करेंगे, साथ ही IIT BHU के छात्रों के लिए CSIR-CGCRI में समर इंटर्नशिप, एम.टेक और पीएच.डी. के शोध कार्य हेतु मार्गदर्शन की सुविधा भी उपलब्ध कराएंगे।

इस समझौते से IIT BHU की वैज्ञानिक और तकनीकी क्षमताओं को नया आयाम मिलेगा और भारत के सिरेमिक एवं सामग्री विज्ञान क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान की उम्मीद है।

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