वाराणसी I IIT BHU में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए सीडफंड और जॉइंट इन्क्यूबेशन सेंटर के सहयोग से नई योजना शुरू की जा रही है। इसके तहत प्रत्येक स्टार्टअप को 30 हजार डॉलर (लगभग 25 लाख रुपये) की सीड फंडिंग प्रदान की जाएगी। रविवार को आयोजित स्टार्टअप इंसाइट्स कार्यक्रम में आईआईटीयंस को नवाचार और उद्यमिता के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया गया।
स्टार्टअप के लिए सुनहरा अवसर
IIT BHU के आइडिएशन, इनोवेशन एंड इंक्यूबेशन (आई-3) फाउंडेशन के निदेशक प्रो. मनोज कुमार मेश्राम ने कहा कि यह फाउंडेशन अनुसंधान को वाणिज्यिक रूप में बदलने में मदद करता है। साथ ही, कृषि, एआई/एमएल, क्लीनटेक, वॉटर टेक और अक्षय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में नवाचार को बढ़ावा देता है।
IIT BHU के निदेशक प्रो. अमित पात्रा ने सरकारी सहायता और IIT BHU फाउंडेशन के सीड फंडिंग प्रयासों की सराहना की। उन्होंने संस्थान में एक एग्रो रिसर्च पार्क स्थापित करने का सुझाव भी दिया।
IIT BHU फाउंडेशन की पहल
IIT BHU सीडफंड के हेड अविदत्त ने बताया कि यह फाउंडेशन पूर्व छात्रों द्वारा स्थापित एक गैर-लाभकारी संगठन है, जो संस्थान को उत्कृष्टता की ओर ले जाने के लिए कार्य कर रहा है। उन्होंने घोषणा की कि प्रत्येक स्टार्टअप को 30 हजार डॉलर की सीड फंडिंग दी जाएगी, जिससे संस्थान के हर विभाग से एक स्टार्टअप को समर्थन मिल सकेगा।
नवाचार को मिलेगा बढ़ावा
कार्यक्रम में सर्विन वेंचर्स के जनरल पार्टनर शिरीष सथाये और यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के प्रो. प्रदीप चिंतागुटा ने उद्यमिता, बाजार अनुसंधान, ब्रांड पोजिशनिंग और मार्केटिंग के महत्व पर जोर दिया।
IIT BHU फाउंडेशन के सीईओ सागर भिमावरापु और अतुल सिन्हा ने भी उद्यमिता से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं। कार्यक्रम का समापन प्रो. राजेश उपाध्याय द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। यह पहल IIT BHU के नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को सुदृढ़ करने और नवोदित उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए की गई है।