Movie prime

India-Pakistan relations 2025 : पीएम मोदी ने लेक्स फ्रिडमैन के इंटरव्यू में पाकिस्तान को लताड़ा, ट्रंप की दोस्ती और भारत-चीन संबंधों पर की बात

 
India-Pakistan relations 2025 : पीएम मोदी ने लेक्स फ्रिडमैन के इंटरव्यू में पाकिस्तान को लताड़ा, ट्रंप की दोस्ती और भारत-चीन संबंधों पर की बात
WhatsApp Channel Join Now
Instagram Profile Join Now

New Delhi : प्रसिद्ध पॉडकास्टर और एआई शोधकर्ता लेक्स फ्रिडमैन (AI researcher) को दिए एक हालिया इंटरव्यू (India-Pakistan relations 2025) में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की, साथ ही चीन के साथ भारत के संबंधों और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ अपनी दोस्ती पर प्रकाश डाला। इस व्यापक बातचीत में उन्होंने भू-राजनीतिक मुद्दों पर अपनी राय रखी और आतंकवाद, शांति व अंतरराष्ट्रीय कूटनीति पर विचार साझा किए।

भारत-पाकिस्तान संबंधों (India-Pakistan relations) पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया में कहीं भी आतंकी हमला होता है, उसके तार पाकिस्तान से जुड़ते हैं। उम्मीद है कि पाकिस्तान को समझ आएगी। भारत शांति के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन पाकिस्तान ने संघर्ष का रास्ता चुना है। उन्होंने ऐतिहासिक उदाहरण देते हुए कहा कि ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में शरण मिली थी। आतंकवाद पाकिस्तान की नींव में बसा है। ये बयान भारत की सीमा पार आतंकवाद को लेकर लंबे समय से चली आ रही चिंताओं को रेखांकित करते हैं।

India-Pakistan relations 2025 : पीएम मोदी ने लेक्स फ्रिडमैन के इंटरव्यू में पाकिस्तान को लताड़ा, ट्रंप की दोस्ती और भारत-चीन संबंधों पर की बात

डोनाल्ड ट्रंप के साथ अपनी दोस्ती को याद करते हुए मोदी ने 2019 के अमेरिकी दौरे का एक पल साझा किया। हाउडी मोदी कार्यक्रम के दौरान जब मैं मंच पर बोल रहा था, ट्रंप ध्यान से सुन रहे थे। भाषण खत्म होने के बाद मैंने उनसे कहा कि हम स्टेडियम का चक्कर लगाएं, तो वह तुरंत तैयार हो गए और मेरे साथ चल पड़े। यह आसान नहीं था, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा के लिए सख्त प्रोटोकॉल (protocol) होते हैं,मोदी ने बताया।

चीन के साथ भारत के रिश्तों पर मोदी ने कहा कि भारत और चीन सिर्फ आधुनिक पड़ोसी नहीं हैं, बल्कि प्राचीन सभ्यताएं हैं। सदियों तक हमने एक-दूसरे से सीखा। पुराने रिकॉर्ड बताते हैं कि एक समय में दुनिया की जीडीपी का 50% से ज्यादा हिस्सा भारत और चीन का था।” उन्होंने आपसी विकास पर जोर देते हुए कहा कि प्राचीन काल में हमारे बीच संघर्ष का कोई इतिहास नहीं मिलता। चीन पर बौद्ध धर्म का गहरा प्रभाव भारत से गया था। हम चाहते हैं कि भविष्य में भी यह सहयोग बना रहे।

मोदी ने चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद को स्वीकार किया और 2020 की झड़पों का जिक्र किया, जिसने संबंधों में दरार डाली। 2020 की घटनाओं से हमारे बीच दूरियां बढ़ीं, लेकिन हाल ही में राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के बाद सीमा पर स्थिति में काफी सुधार हुआ है, उन्होंने कहा। उन्होंने आशा जताई, पुराना विश्वास लौटने में समय लगेगा, क्योंकि 5 साल का अंतराल आ गया था, लेकिन हम कोशिश कर रहे हैं कि मतभेद विवाद में न बदलें। यह भारत की सतर्क लेकिन सकारात्मक रुख को दर्शाता है।