जनवरी में नासा के 2 महत्वपूर्ण स्पेसवॉक: कैमरा बदलने और नेविगेशन अपग्रेड का पूरा प्लान
वाशिंगटन I नए साल की शुरुआत के साथ ही नासा इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर दो अहम स्पेसवॉक आयोजित करने वाला है। ये स्पेसवॉक स्टेशन की बिजली व्यवस्था को मजबूत करने, नए सोलर ऐरे की तैयारी और अन्य रखरखाव कार्यों के लिए किए जाएंगे। नासा ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर इसकी जानकारी साझा की है। ये स्पेसवॉक ISS के इतिहास में 278वें और 279वें स्पेसवॉक होंगे तथा वर्ष 2026 के पहले स्पेसवॉक भी। ये एक्सपीडिशन 74 मिशन के तहत किए जाने वाले शुरुआती अभियान हैं।
6 जनवरी को मीडिया ब्रीफिंग
नासा इन स्पेसवॉक की विस्तृत जानकारी 6 जनवरी 2026 को ह्यूस्टन के जॉनसन स्पेस सेंटर में आयोजित मीडिया ब्रीफिंग में देगा। यह ब्रीफिंग दोपहर 2 बजे ईएसटी (रात 12:30 बजे IST) से शुरू होगी और नासा के यूट्यूब चैनल तथा सोशल मीडिया पर लाइव प्रसारित की जाएगी। ब्रीफिंग में ISS ऑपरेशंस इंटीग्रेशन मैनेजर बिल स्पिच, स्पेसवॉक फ्लाइट डायरेक्टर डायना ट्रूजिलो और हेइडी ब्रूअर शामिल होंगे। दर्शक #AskNASA हैशटैग के जरिए सोशल मीडिया पर सवाल पूछ सकते हैं।
8 जनवरी को पहला स्पेसवॉक
पहला स्पेसवॉक 8 जनवरी 2026 को होगा। इसमें नासा के अंतरिक्ष यात्री माइक फिंक और जेना कार्डमैन स्टेशन के क्वेस्ट एयरलॉक से बाहर निकलेंगे। मुख्य कार्य '2A पावर चैनल' को तैयार करना होगा, ताकि भविष्य में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन रोल-आउट सोलर ऐरे (iROSA) लगाया जा सके। ये नए सोलर पैनल स्टेशन को अतिरिक्त बिजली प्रदान करेंगे और स्टेशन के सुरक्षित डी-ऑर्बिट (नियंत्रित वापसी) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
यह जेना कार्डमैन का पहला स्पेसवॉक होगा, जबकि माइक फिंक का यह 10वां स्पेसवॉक होगा। इससे फिंक नासा के सबसे ज्यादा स्पेसवॉक करने वाले अंतरिक्ष यात्रियों के रिकॉर्ड की बराबरी कर लेंगे। यह रिकॉर्ड वर्तमान में पैगी व्हिटसन और माइकल लोपेज-एलेग्रिया के नाम है, जिन्होंने 10-10 स्पेसवॉक किए हैं।
15 जनवरी को दूसरा स्पेसवॉक
दूसरा स्पेसवॉक 15 जनवरी 2026 को आयोजित होगा। इसमें कैमरा पोर्ट पर हाई-डेफिनिशन कैमरा बदला जाएगा, हार्मनी मॉड्यूल पर आने वाले स्पेसक्राफ्ट के लिए नई नेविगेशन डिवाइस लगाई जाएगी तथा S6 और S4 ट्रस पर अमोनिया जंपर को शिफ्ट किया जाएगा। इस स्पेसवॉक में शामिल अंतरिक्ष यात्रियों के नाम और सटीक समय की जानकारी नासा बाद में जारी करेगा। दोनों स्पेसवॉक की अवधि लगभग सात घंटे होने की उम्मीद है। नासा इनकी लाइव कवरेज अपने चैनलों पर प्रदान करेगा।
ये स्पेसवॉक ISS को मजबूत, सुरक्षित और भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार रखने में अहम योगदान देंगे। ISS अब अपने संचालन के अंतिम चरण में है और ऐसे अपग्रेड इसके नियंत्रित डी-ऑर्बिट के लिए जरूरी हैं।
