वाराणसी I आने वाले दिनों में वाराणसी और लखनऊ की जलापूर्ति व्यवस्था पूरी तरह ऑटोमेटिक हो जाएगी। इस बदलाव के तहत गंगा से पानी खींचकर लाने, उसे शुद्ध करने और टंकियों तक पहुंचाने की पूरी प्रक्रिया SCDA (सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डेटा एक्विजिशन) सिस्टम के जरिए संचालित होगी। इस आधुनिक प्रणाली में किसी व्यक्ति की प्रत्यक्ष भूमिका नहीं होगी, बल्कि जलकल के कर्मचारी केवल मॉनीटरिंग और लीकेज जैसी समस्याओं का समाधान करेंगे।
नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने हाल ही में सर्किट हाउस में हुई बैठक में अधिकारियों से इस योजना पर चर्चा की थी। स्काडा सिस्टम के जरिए घरों में पानी का प्रेशर कम होने या पेयजल लाइन में लीकेज की तुरंत सूचना मिल सकेगी, जिससे जल संरक्षण और समस्या समाधान में तेजी आएगी।
ऑनलाइन मॉनीटरिंग से मिलेगा सटीक डेटा
शहर के प्रत्येक घर में वाटर मीटर, ट्यूबवेल, वॉल्व और टंकियों पर चिप-सेंसर लगाए जाएंगे, जिनकी मॉनीटरिंग के लिए एक कंट्रोल रूम स्थापित होगा। यह पूरा सिस्टम कंप्यूटर की एक कमांड से संचालित होगा। हर घर की एक विशिष्ट आईडी बनाई जाएगी, जिसमें परिवार के सदस्यों की संख्या और जल खपत जैसी जानकारियां दर्ज होंगी।
इसके माध्यम से घर में आने वाले पानी की मात्रा, खपत, प्रेशर और संभावित पेयजल समस्याओं की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होगी। स्काडा सिस्टम से जुड़ने के बाद पूरे शहर में ट्यूबवेल ऑटोमेटिक ऑन-ऑफ होंगे, जिससे जलापूर्ति समान रूप से संचालित की जा सकेगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि किसी इलाके में पानी की कमी न हो और पूरे शहर में एक साथ जल आपूर्ति शुरू और बंद की जा सके।

इस अत्याधुनिक तकनीक के लागू होने से वाराणसी और लखनऊ में जल वितरण प्रणाली अधिक स्मार्ट, प्रभावी और पारदर्शी हो जाएगी।