Varanasi : काशी को स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में एक प्रमुख केंद्र(Medical Tourism Hub) बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) 2023 के तहत ₹902 करोड़ की लागत से तीन नए सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल स्थापित करने का प्रस्ताव स्वीकृत हुआ है। ये अस्पताल न केवल स्थानीय और पूर्वांचल के मरीजों को विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाएँ प्रदान करेंगे, बल्कि काशी को मेडिकल टूरिज्म के वैश्विक केंद्र के रूप में भी स्थापित करेंगे।
जिला उद्योग प्रोत्साहन और उद्यमिता विकास केंद्र के सहायक आयुक्त विनोद वर्मा ने बताया कि निम्नलिखित अस्पतालों की स्थापना की योजना है:
- अपोलो सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल: बड़ालालपुर में 400 बेड की क्षमता वाला यह अस्पताल बनाया जाएगा।
- रीजेंसी हॉस्पिटल: धनेसरी, पिंडरा में 300 बेड का सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल प्रस्तावित है।
- श्रीवेदन हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर: इसका निर्माण कार्य भी प्रगति पर है।
- इन अस्पतालों से 3,500 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की उम्मीद है।

काशी की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत के साथ-साथ उन्नत चिकित्सा सुविधाओं का समन्वय इसे मेडिकल टूरिज्म के लिए आदर्श बनाता है। विनोद वर्मा ने बताया कि ये अस्पताल पूर्वांचल, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और पड़ोसी देश नेपाल से आने वाले मरीजों को भी लाभान्वित करेंगे। काशी में पहले से ही बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के सर सुंदरलाल हॉस्पिटल और अन्य निजी अस्पतालों की मौजूदगी के बावजूद, नए सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल मांग को पूरा करने में महत्वपूर्ण होंगे।
फरवरी 2023 में लखनऊ में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में उत्तर प्रदेश सरकार ने ₹33.5 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त किए थे, जिनमें स्वास्थ्य क्षेत्र भी शामिल था। काशी में ₹902 करोड़ के निवेश से बनने वाले ये अस्पताल इस समिट का हिस्सा हैं। अपोलो हॉस्पिटल्स, जो देश की सबसे बड़ी हॉस्पिटल चेन है, ने ₹6,000 करोड़ के अपने विस्तार योजना के तहत वाराणसी को प्राथमिकता दी है।

₹902 करोड़ के निवेश से बनने वाले अपोलो, रीजेंसी और श्रीवेदन अस्पताल काशी को मेडिकल टूरिज्म का वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होंगे। यह परियोजना न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाएगी, बल्कि रोजगार सृजन और आर्थिक विकास में भी योगदान देगी।
