Varanasi : काशी के विकास में नीतिगत पत्रकारिता (Kashi Patrakar Sangh) की अहम भूमिका पर जोर देते हुए उत्तर प्रदेश के आयुष, खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ. दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ ने बुधवार को पराड़कर स्मृति भवन( Paradkar Smriti Bhawan) के सौंदर्यीकरण की आधारशिला रखी। यह परियोजना उनकी विधायक निधि से वित्त पोषित है और इसका उद्देश्य सम्पादकाचार्य पं. बाबूराव विष्णु पराड़कर की चिरस्थायी स्मृति और हिन्दी पत्रकारिता की चेतना के प्रतीक इस ऐतिहासिक स्थल को संरक्षित करना है।

समारोह में बोलते हुए डाॅ. दयालु ने काशी के पत्रकारों के हिन्दी पत्रकारिता और स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि स्वाधीनता संग्राम के दौरान भारतीय पत्रकारिता का मूल स्वर त्याग, बलिदान और मिशन के प्रति समर्पण का रहा है। पराड़कर स्मृति भवन(Paradkar Smriti Bhawan) जैसी धरोहरों को सहेजना हम सबका साझा दायित्व है। उन्होंने आगे कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के कई शीर्ष क्रांतिकारी सीधे तौर पर पत्रकारिता से जुड़े थे, जिससे यह स्थल पत्रकारों के लिए एक ऐतिहासिक केंद्र बन गया है।

डाॅ. दयालु ने काशी की बौद्धिकता, विद्वता और पत्रकारिता के लंबे इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारी धरोहरों को संरक्षित करना हमारा धर्म है। इस अवसर पर संघ के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप कुमार, योगेश कुमार गुप्त और राजनाथ तिवारी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष डाॅ. अत्रि भारद्वाज ने की, जबकि धन्यवाद ज्ञापन पूर्व अध्यक्ष कृष्णदेव नारायण राय ने किया। संघ के मंत्री सुनील शुक्ला और कोषाध्यक्ष पंकज त्रिपाठी ने राज्यमंत्री का स्वागत किया।

कार्यक्रम में संघ के पूर्व अध्यक्ष सुभाष चन्द्र सिंह, बीबी यादव, उपाध्यक्ष उमेश गुप्ता, कैलाश यादव, आशीष बागची, संजय मिश्रा, वाराणसी प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरुण मिश्रा, मंत्री विनय शंकर सिंह और पूर्व अध्यक्ष चंदन रूपानी सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। अन्य प्रमुख पत्रकारों में रोहित चतुर्वेदी, पुरुषोत्तम चतुर्वेदी, राजेश राय, रवीन्द्र प्रकाश त्रिपाठी, ओंकार उपाध्याय, राजेश यादव, आनंद मौर्या, सुरेश गांधी, विमलेश चतुर्वेदी, श्रीघर त्रिपाठी, मुन्ना लाल साहनी, आशुतोष पाण्डेय, राममिलन लाल श्रीवास्तव और विजयशंकर गुप्ता शामिल थे।

