वाराणसी। योगी सरकार की नवीनतम तकनीकी पहल “3-डी अर्बन स्पेशियल डिजिटल ट्विन” काशी को सोलर सिटी (Solar City) बनाने की दिशा में बड़ा कदम साबित होगी। इस अत्याधुनिक तकनीक की मदद से अब काशी का वर्चुअल मॉडल तैयार किया गया है, जिससे शहर के विकास, सुरक्षा, और सौर ऊर्जा परियोजनाओं को स्मार्ट और सटीक दिशा मिलेगी।
नगर निगम क्षेत्र के 160 वर्ग किलोमीटर इलाके में “लिडार” तकनीक के जरिए तैयार किए गए इस डिजिटल ट्विन मॉडल से ‘शैडो एनालिसिस’ संभव हो सकेगा। इसका सीधा लाभ पीएम सूर्य घर योजना और अन्य सौर ऊर्जा (Solar City) प्रोजेक्ट्स को मिलेगा। शहरी नियोजन के साथ-साथ यह तकनीक धूप और छांव की वास्तविक समयावधि बताकर सोलर पैनल की सटीक स्थापना में मदद करेगी।
वाराणसी स्मार्ट सिटी के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. डी. वासुदेवन ने बताया कि यह तकनीक सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट्स में संशयों को समाप्त करेगी और सटीक डेटा प्रदान कर योजना को जमीन पर उतारने में मददगार होगी।
वहीं, स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट मैनेजर डॉ. संतोष कुमार त्रिपाठी ने बताया कि इस थ्री-डी मैपिंग में सड़कों और गलियों की इंच-इंच की जानकारी मौजूद है, जिससे सभी शहरी विकास विभाग इसे अपनी योजनाओं के लिए उपयोग में ला सकते हैं। इस प्रणाली को रियल टाइम मॉनिटरिंग, कैमरा इंटीग्रेशन, क्राइम कंट्रोल, क्राउड मैनेजमेंट, ट्रैफिक कंट्रोल, और रेस्क्यू ऑपरेशंस में भी उपयोग किया जाएगा।
इसके अलावा यह तकनीक वेस्ट मैनेजमेंट, जल और सीवरेज प्रबंधन, अवैध निर्माण की निगरानी, और नगर नियोजन जैसी सेवाओं को और प्रभावी बनाने में भी अहम भूमिका निभाएगी।

करीब 6 करोड़ रुपये की लागत से 9 महीने में तैयार की गई यह तकनीक वाराणसी को न केवल स्मार्ट सिटी की श्रेणी में अग्रणी बनाएगी, बल्कि इसे देश का पहला शहर बनाएगी जो इतने बड़े स्तर पर डिजिटल ट्विन मॉडल का उपयोग कर रहा है।