कोलकाता। सियालदह अदालत ने सोमवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में पोस्टग्रेजुएट ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई। शनिवार को कोर्ट ने उसे दोषी करार दिया था। सजा सुनाए जाने से पहले संजय रॉय ने कोर्ट में अपने निर्दोष होने की गुहार लगाई। उसने जज से कहा, “मुझे फंसाया जा रहा है। मैंने कोई अपराध नहीं किया।”
जज के सामने गिड़गिड़ाया संजय रॉय
सजा से पहले जब संजय रॉय को कोर्ट में पेश किया गया, तो जज ने उससे पूछा कि सजा पर कुछ कहना है। इस पर संजय ने कहा, “मैं दोषी नहीं हूं। मुझे झूठे मामले में फंसाया गया है। मैंने ऐसा कुछ नहीं किया। मुझ पर दबाव बनाया जा रहा है। मैंने रुद्राक्ष की माला पहनी थी, अगर मैं ऐसा कुछ करता तो माला टूट जाती।”
सीबीआई ने की कड़ी सजा की मांग
सीबीआई ने कोर्ट से संजय रॉय को फांसी देने की मांग करते हुए कहा कि यह अपराध “रेयरेस्ट ऑफ द रेयर” की श्रेणी में आता है। सीबीआई ने कहा कि अगर कड़ी सजा नहीं दी गई, तो समाज न्याय व्यवस्था से विश्वास खो देगा।
9 अगस्त 2024 की दरिंदगी
कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में 9 अगस्त 2024 को 31 वर्षीय महिला डॉक्टर के साथ पहले दुष्कर्म हुआ और फिर उसकी हत्या कर दी गई। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया।
सीबीआई जांच और 57 दिन की सुनवाई
पहले इस केस की जांच कोलकाता पुलिस कर रही थी, लेकिन हाई कोर्ट के आदेश के बाद यह मामला सीबीआई को सौंपा गया। सीबीआई ने 13 अगस्त 2024 को जांच शुरू की और 120 से अधिक गवाहों के बयान दर्ज किए। करीब दो महीने तक यह मामला कैमरा ट्रायल के तहत चला।

फॉरेंसिक रिपोर्ट पर आधारित फैसला
57 दिन की सुनवाई के बाद सियालदह कोर्ट के जज अनिरबन दास ने संजय रॉय को दोषी ठहराया। कोर्ट ने फॉरेंसिक रिपोर्ट और सीबीआई की जांच पर भरोसा जताते हुए कहा कि सबूत स्पष्ट हैं।
162 दिन बाद मिला न्याय
घटना के 162 दिन बाद शनिवार को अदालत ने संजय रॉय को दोषी करार दिया। संजय पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 64, 66 और 103/1 के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि उसने सेमिनार रूम में महिला डॉक्टर पर हमला कर उसकी हत्या की।