Diwali 2025 : घी, टूथपेस्ट या तेल... अगर पटाखे से जल जाए आंखें तो भूलकर भी न करें घरेलू इलाज
दिवाली भारत का सबसे रोशन और उल्लासभरा त्योहार है। चारों ओर दीपों की जगमगाहट, रंग-बिरंगी लाइट्स, मिठाइयों की खुशबू और बच्चों की खिलखिलाहट माहौल को जादुई बना देती है। लेकिन इस खुशियों की चमक के बीच कुछ छिपे खतरे भी होते हैं, जिन पर जरा-सी लापरवाही त्योहार की खुशियां पलभर में दुर्घटना में बदल सकती हैं। हर साल दिवाली के दौरान पटाखों और लेजर लाइट्स से जुड़ी घटनाओं में कई लोग घायल होते हैं। इनमें सबसे अधिक आंखों से संबंधित हादसे देखने को मिलते हैं, जो कभी-कभी स्थायी नुकसान तक पहुंचा देते हैं। ऐसे में जरूरी है कि हम सावधानी बरतें और बच्चों की आंखों की सुरक्षा पर खास ध्यान दें।
पटाखों से बच्चों की आंखों की सुरक्षा कैसे करें
हर साल दिवाली पर अस्पतालों में ऐसे कई मरीज पहुंचते हैं, जिन्हें पटाखों से आंखों में जलन, जलने के निशान या गंभीर चोट लगी होती है। कई बार पटाखों का पाउडर आंखों में चला जाने से रेटिना तक नुकसान पहुंच जाता है।विशेषज्ञ बताते हैं कि ऐसे मामलों में लोग अक्सर घरेलू नुस्खे अपनाते हैं- जैसे आंखों पर घी, टूथपेस्ट, मक्खन या तेल लगाना जो स्थिति को और खराब कर देते हैं।
अगर आंख में पटाखे से चोट लगे तो ये कदम उठाएं:
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आंखों को न रगड़ें और न छुएं।
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पानी से आंखें न धोएं, इससे जलन बढ़ सकती है।
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आंख पर साफ कपड़ा या आई पैड हल्के से रखें।
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अपने मन से कोई आई ड्रॉप इस्तेमाल न करें।
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तुरंत नेत्र विशेषज्ञ (Eye Specialist) के पास जाएं।
लेजर लाइट्स से बच्चों की आंखों की सुरक्षा कैसे करें
आजकल बाजार में मिलने वाले लेजर पॉइंटर्स और चमकदार खिलौने बच्चों को खूब आकर्षित करते हैं। लेकिन यह खेल खतरनाक साबित हो सकता है। विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि लेजर लाइट को सीधे आंखों पर फोकस करने से रेटिना स्थायी रूप से जल सकती है, जिससे आंखों की रोशनी चली जाने का खतरा रहता है, इसलिए बच्चों को समझाएं कि लेजर लाइट खिलौना नहीं है, और ऐसे उपकरण उनके हाथ में न दें।
बच्चों की आंखों की सुरक्षा के व्यावहारिक उपाय
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पटाखे जलाते समय बच्चों को सुरक्षा चश्मा या फेस शील्ड पहनाएं।
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हमेशा बड़ों की निगरानी में ही बच्चे पटाखे जलाएं।
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बच्चों को ढीले या सिंथेटिक कपड़े न पहनाएं; इसके बजाय कॉटन के फिट कपड़े और जूते पहनाएं।
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पटाखे जलाते समय बच्चों को बहुत पास खड़ा न रहने दें।
थोड़ी सावधानी, पूरी सुरक्षा
दिवाली की चमक और खुशियां तभी सुंदर लगती हैं जब सब सुरक्षित हों। इसलिए इस त्योहार पर रोशनी के साथ जिम्मेदारी की लौ भी जलाएं। बच्चों को सिखाएं कि मजा तभी है जब सुरक्षा साथ हो — ताकि दीपावली की रौनक आंखों में चमक बनकर हमेशा बरकरार रहे।
