Mounjaro Injection : भारत में डायबिटीज और मोटापा गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियां बनती जा रही हैं। मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक, लगभग 101 मिलियन लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं, जबकि करीब 100 मिलियन लोग मोटापे की समस्या से जूझ रहे हैं। इन दोनों स्थितियों से हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और स्लीप एपनिया जैसी 200 से अधिक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए, एलआई लिली एंड कंपनी ने अपना लोकप्रिय वजन घटाने वाला इंजेक्शन ‘माउंजारो’ (Tirzepatide) भारत में लॉन्च (Mounjaro Injection) किया है।
Mounjaro Injection : 72 सप्ताह में 21.8 किलो वजन कम करने का दावा
माउंजारो इंजेक्शन (Mounjaro Injection) के क्लीनिकल ट्रायल के दौरान प्रभावशाली नतीजे देखने को मिले हैं। शोध के अनुसार, डाइट और एक्सरसाइज के साथ इस इंजेक्शन की उच्चतम डोज लेने वाले प्रतिभागियों का औसतन 21.8 किलो वजन घटा, जबकि न्यूनतम डोज लेने वालों ने लगभग 15.4 किलो वजन कम किया। यह दवा अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोप में पहले से ही काफी लोकप्रिय है।
‘माउंजारो’ कैसे करता है काम?
यह इंजेक्शन (Mounjaro Injection) विशेष रूप से टाइप-2 डायबिटीज, अधिक वजन और मोटापे से ग्रस्त मरीजों के लिए विकसित किया गया है। यह GIP (ग्लूकोज डिपेंडेंट इंसुलिनट्रोपिक पॉलीपेप्टाइड) और GLP-1 (ग्लूकागन लाइक पेप्टाइड-1) रिसेप्टर को सक्रिय करता है। इससे शरीर में भूख नियंत्रित होती है और फैट मास कम होने में मदद मिलती है।
क्लीनिकल स्टडी के नतीजे
माउंजारो इंजेक्शन पर दो प्रमुख परीक्षण किए गए:
- SURMOUNT-1 ट्रायल: इस अध्ययन में पाया गया कि प्रतिभागियों का औसतन 21.8 किलो वजन कम हुआ।
- SURPASS ट्रायल: इसमें टाइप-2 डायबिटीज से ग्रस्त मरीजों पर परीक्षण किया गया, जिसमें यह दवा A1C स्तर को 2.4% तक कम करने में प्रभावी रही।
डायबिटीज मरीजों के लिए कितना फायदेमंद?
माउंजारो को मेटफॉर्मिन, एसजीएलटी-2 इनहिबिटर्स, सल्फोनीलुरिया और इंसुलिन ग्लार्गिन जैसी आम डायबिटीज दवाओं के साथ भी इस्तेमाल किया जा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इसका असर अन्य दवाओं की तुलना में अधिक प्रभावी है और यह डायबिटीज और मोटापा दोनों के लिए प्रभावी इलाज साबित हो सकता है।
अब देखना होगा कि भारतीय बाजार में माउंजारो कितनी सफलता हासिल करता है और मरीजों के लिए कितना फायदेमंद साबित होता है।