नागपुर I नागपुर (Nagpur) के महाल और हंसपुरी इलाके में सोमवार देर रात हिंसा (Violence) भड़क उठी। नकाबपोश भीड़ ने पथराव किया, सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए और वाहनों को आग के हवाले कर दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भीड़ ने घरों में घुसने की कोशिश की और स्थानीय दुकानों में तोड़फोड़ की। पुलिस के मौके पर पहुंचने में देरी को लेकर स्थानीय लोग नाराज हैं।
हमले के प्रत्यक्षदर्शियों ने बताई भयावह रात
हंसपुरी इलाके के निवासी शरद गुप्ता (50) के घर के सामने खड़े चार दोपहिया वाहनों को आग लगा दी गई। गुप्ता हमले में घायल हो गए। उन्होंने बताया कि उनके पड़ोसी की दुकान में भी तोड़फोड़ की गई। उन्होंने पुलिस की देरी पर सवाल उठाते हुए कहा, “पुलिस एक घंटे बाद पहुंची, तब तक काफी नुकसान हो चुका था।”
एक अन्य स्थानीय निवासी ने बताया, “भीड़ ने हमारे घर पर हमला बोला और बाहर खड़ी गाड़ियों को जला दिया। हम खुद अपने घर की पहली मंजिल से पानी डालकर आग बुझाने की कोशिश कर रहे थे।”
क्लिनिक में भी की गई तोड़फोड़
बंडू क्लिनिक के पास चाय की दुकान चलाने वाले एक दुकानदार ने बताया कि भीड़ ने क्लिनिक में घुसकर मेजें तोड़ दीं और दवाइयां फेंक दीं। उनकी दुकान में भी तोड़फोड़ की गई।
स्थानीय लोग गुस्से में, तत्काल कार्रवाई की मांग
हिंसा (Violence) से आक्रोशित लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने स्थिति को संभालने में देरी की। भाजपा विधायक प्रवीण दटके ने दावा किया कि यह हिंसा सुनियोजित थी और हिंदू समुदाय को निशाना बनाया गया। उन्होंने कहा, “हमने पुलिस से लगातार संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। अपराधियों की तस्वीरें डीवीआर में हैं, जिन्हें पुलिस को सौंपा जाएगा।” वहीं, AIMIM के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान ने कहा कि “हर तरह की हिंसा निंदनीय है। महाराष्ट्र सरकार को इसकी जांच करनी चाहिए।”
निषेधाज्ञा लागू, 20 से अधिक गिरफ्तार
Violence के बाद नागपुर पुलिस ने शहर में निषेधाज्ञा लागू कर दी है। अब तक 20 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है। हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं, और पुलिस इलाके में तैनात है।