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Diwali के बाद दमघोंटू हुई दिल्ली की हवा, दुनिया की सबसे प्रदूषित शहर बनी राजधानी

 
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दिवाली की चमक-दमक के बाद एक बार फिर दिल्ली जहरीली धुंध और धूल की परत में लिपटी नजर आ रही है। स्विट्जरलैंड की एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग एजेंसी IQAir की नवीनतम रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बन चुकी है। इस सूची में मुंबई पांचवें और कोलकाता आठवें स्थान पर हैं। वहीं पाकिस्तान के लाहौर, कराची, कुवैत, ताशकंद, दोहा, ऑस्ट्रेलिया का कैनबरा और इंडोनेशिया की जकार्ता भी शीर्ष 10 शहरों में शामिल हैं।

दिवाली के बाद बेकाबू हुआ प्रदूषण स्तर

रिपोर्ट में कहा गया है कि दिवाली के बाद दिल्ली की हवा में जहरीले तत्वों की मात्रा तेजी से बढ़ी है। पटाखों का धुआं, वाहनों से निकलने वाला धुआं, निर्माण कार्यों की धूल और पराली जलाने की घटनाओं ने मिलकर राजधानी की हवा को और खराब कर दिया है।

CPCB (केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) के आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार सुबह दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 350 तक पहुंच गया, जो “बहुत खराब” श्रेणी में आता है। वहीं, बवाना, जहांगीरपुरी, वज़ीरपुर, अलीपुर और बुराड़ी क्रॉसिंग जैसे इलाकों में AQI 400 से भी ऊपर दर्ज किया गया यानी “गंभीर” स्तर पर।

ग्रीन पटाखों की अनुमति के बावजूद बिगड़ी हवा

दिवाली से पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में केवल ग्रीन क्रैकर्स जलाने की अनुमति दी थी और समय सीमा 18 से 21 अक्टूबर तक, शाम 6 से 7 बजे और रात 8 से 10 बजे तक तय की गई थी, लेकिन कई इलाकों में लोग देर रात तक पटाखे फोड़ते रहे, जिससे प्रदूषण का स्तर नियंत्रण से बाहर हो गया।

विशेषज्ञों ने दी चेतावनी

पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि अगर तुरंत सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो सर्दियों में हालात और बिगड़ सकते हैं। डॉक्टरों के मुताबिक, “बहुत खराब” या “गंभीर” श्रेणी की हवा में ज्यादा समय बिताना फेफड़ों, आंखों और दिल के लिए बेहद खतरनाक है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए।

सरकार के आपातकालीन कदमों की तैयारी

दिल्ली सरकार और प्रदूषण नियंत्रण एजेंसियां अब स्थिति को काबू में लाने के लिए आपात कदमों पर विचार कर रही हैं। इनमें शामिल हैं- स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद करना, निर्माण कार्य पर रोक लगाना, वाहनों की आवाजाही सीमित करना।